संसद में क्रिमिनल प्रोसिजर (आईडेंटिफिकेशन) आपराधिक प्रक्रिया पहचान विधेयक बिल 2022 पास हो गया है। राज्यसभा में बुधवार शाम को गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को पेश किया। करीब 4 घंटे तक चली बहस के बाद राज्यसभा से भी क्रिमिनल प्रोसीजर बिल पास हुआ। बिल पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल को लाने का उद्देश्य यह है कि गुनाहों के प्रमाण को कम किया जाए, सजा के प्रमाण को बढ़ाया जाए। इसमें अपराधी के बायोमेट्रिक सैंपल के साथ बायोलॉजिकल सैंपल लेने का भी प्रावधान है। ‘अमित शाह ने कहा कि हमारे देश में सख्ती के मामले में कानून बच्चा है’। उन्होंने कहा कि कई देशों में कठोर कानून है और कठोर सजा का प्रावधान भी है। अपराधियों पर लगाम लगाने और उनसे दो कदम आगे रहने के लिए यह बिल लाया गया है। इससे जांच एजेंसियों की शक्ति बढ़ेगी, अपराधियों पर अंकुश लग सकेगा। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल को लाने की एक ही मंशा है कि गुनाहों के प्रमाण को कम किया जाए, सजा के प्रमाण को बढ़ाया जाए, देश की कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारा जाए और देश की आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ किया जाए। निजता के हनन पर अमित शाह ने कहा कि यह सारा डेटा NCRB के पास आएगा और NCRB के पास यह सुरक्षित प्लैटफॉर्म पर और हार्डवेयर में ही रहेगा। डेटा के लिए किसी तीसरे पक्ष या निजी एजेंसियों को कोई स्थान नहीं मिलेगा। इस विधेयक में दोषियों और अपराध के मामले में गिरफ्तार लोगों का विभिन्न प्रकार का ब्यौरा एकत्र करने की अनुमति देने की बात कही गई है जिसमें अंगुली एवं हथेली की छाप या प्रिंट, पैरों की छाप, फोटो, आंखों की पुतली, रेटिना और लिखावट के नमूने आदि शामिल हैं। बता दें कि यह बिल पिछले दिनों लोकसभा से पहले ही पास हो चुका है। आज राज्य सभा से भी केंद्र सरकार ने इसे पास करवा लिया। संसद के दोनों सदनों से अब ये बिल पास हो चुका है, जल्द ही राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद जल्द ही यह कानून बन जाएगा।