आज पूरा देश अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम के साथ मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया। प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर लगातार 10वीं बार तिरंगा फहराया और देशवाशियों को संबोधित किया। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 90 मिनट संबोधित किया। पीएम मोदी के इस बार भाषण में सबसे खास बात नहीं उन्होंने देशवासियों को परिवारीजन कहकर संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने परिवारीजन कई बार कहा। इससे पहले वे मेरे प्यारे देशवासियों के साथ अपनी स्पीच शुरू करते थे।
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरे प्रिय 140 करोड़ परिवारजन। जनसंख्या की दृष्टि से भी हम विश्व में नंबर एक है। 140 करोड़ का देश, मेरे भाई बहन और परिवारजन आज आजादी का पर्व मना रहा है।
देश के कोटि-कोटि लोगों को आजादी के इस महान पर्व की कोटि-कोटि शुभकामनाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि मैंने 2014 में परिवर्तन लाने का वादा किया था। आप देशवासियों ने मुझ पर भरोसा किया। मैंने आपसे किए वादे को विश्वास में बदल दिया। 2019 में परफोर्मेंस के आधार पर आपने फिर मुझे आर्शीवाद दिया। परिवर्तन ने मुझे दोबारा मौका दिया। मैं आपका हर सपना पूरा करुंगा। 2047 के सपने को साकार करने का सबसे बड़ा स्वर्णिम क्षण आने वाले पांच साल हैं। अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से देश की उपलब्धियों और विकास को आपके सामने रखूंगा। अगली 15 अगस्त को फिर आउंगा। मैं आपके लिए ही जीता हूं, मैं अगर पसीना बहाता हूं तो आपके बहाता हूं, क्योंकि आप ही मेरा परिवार हैं। प्रधानमंत्री के अगले साल 15 अगस्त को लाल किले पर फिर आऊंगा स्पीच के बाद विपक्षी खेमे में खलबली मच गई है। साल 2024 में समूचा विपक्ष मोदी सरकार को हटाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। लेकिन प्रधानमंत्री के अगली बार 15 अगस्त को फिर आऊंगा के समाधान के बाद विपक्ष जरूर मंथन में जुटा होगा।
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पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर में विशेषकर मणिपुर में, जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। देश मणिपुर के लोगों के साथ है, मणिपुर के लोगों ने कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी है, उसको आगे बढ़ाए। शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है और करती रहेगी। प्रधानमंत्री मोदी इस बार ऑफ-व्हाइट कुर्ता और काले रंग की जैकेट में नजर आए। उन्होंने जोधपुरी बांधनी प्रिंट साफा पहना। जिसमें पीला, हरा और लाल रंग था।
स्वतंत्रत दिवस पर पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें यह रही–
- आज परिवारवाद और तुष्टीकरण ने हमारे देश को बर्बाद कर दिया है। किसी राजनीतिक दल का प्रभारी केवल एक ही परिवार कैसे हो सकता है? उनके लिए उनका जीवन मंत्र है- परिवार की पार्टी, परिवार द्वारा और परिवार के लिए।
- मेरा दृढ़ विश्वास है कि 2047 में जब देश आजादी के 100 वर्ष मनाएगा तो देश एक विकसित भारत होगा। मैं यह बात अपने देश की क्षमता और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर कहता हूं…लेकिन समय की मांग तीन बुराइयों से लड़ने की है – भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण।
- वाइब्रेंट बॉर्डर गांव को देश का आखिरी गांव कहा जाता था। हमने वह मानसिकता बदल दी। वह देश का आखिरी गांव नहीं हैं। आप सीमा पर जो देख सकते हैं वह मेरे देश का पहला गांव है…मुझे खुशी है कि इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि इन सीमावर्ती गांवों के 600 प्रधान हैं। वे यहां लाल किले पर इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने आए हैं।
- सपने अनेक हैं। संकल्प साफ है। नीतियां स्पष्ट हैं। नीयत के सामने कोई सवालिया निशान नहीं है। लेकिन कुछ सच्चाइयों को हमें स्वीकार करना होगा और उसके समाधान के लिए मेरे प्रिय परिवारजनों मैं आज लाल किले से आपकी मदद मांगने आया हूं। मैं लाल किले से आपका आशीर्वाद मांगने आया हूं। अनुभव के आधार पर मैं कह रहा हूं कि आज गंभीरतापूर्वक उन चीजों को लेना होगा। 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा उस समय दुनिया में भारत का तिरंगा झंडा विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए। रत्ती भर भी हमें रुकना नहीं है, पीछे नहीं हटना है। शुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता ये पहली मजबूती की जरूरत है। हमें उस मजबूती को जितना ज्यादा खाद पानी दे सकते हैं। संस्थाओं के नेता दे सकते हैं। ये हमारा सामूहिक दायित्व होना चाहिए।
- हमने देश में महंगाई पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं और इस दिशा में हमारा प्रयास जारी रहेगा।
- हमने पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से ढाई लाख करोड़ रुपये किसानों के खाते में जमा किए हैं। हर घर में शुद्ध पानी पहुंचे, हमने जल जीवन मिशन पर 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं! हमने आयुष्मान भारत योजना के तहत हमने 70 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, ताकि गरीब को दवाई मिले, उनका अच्छे से इलाज हो। हमने पशुधन को बचाने के लिए करीब-करीब 15 हजार करोड़ रुपये टीकाकरण के लिए लगाये हैं!
- मुझे मेरे देशवासियों को महंगाई का बोझ कम से कम हो, मुझे इस दिशा में कदम उठाने हैं। मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि गांव-गांव तक पक्की सड़क बन रही है। हम सेमी कंडक्टर का भी निर्माण कर रहे हैं। जिसका शिलान्यास जो हमारी सरकार करती है, उसका उद्घाटन भी हमारे कालखंड में ही करती है। इन दिनों जो मैं शिलान्यास जो मैं कर रहा हूं आप लिख कर रखिए उसका उदघाटन भी आप सबने मेरे नसीब में ही छोड़े हुए हैं।
- आज भारत को G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी का अवसर प्राप्त हुआ है। बीते वर्ष में जिस प्रकार भारत के कोने-कोने में G20 के अनेक आयोजन हुए, उससे दुनिया को भारत के सामान्य जन के सामर्थ्य, भारत की विविधता का परिचय हुआ है।
- सरकार अगले महीने पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए 13,000 से 15,000 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ विश्वकर्मा योजना शुरू करेगी।
- आज झुग्गी-झोपड़ी से निकले बच्चे दुनिया में पराक्रम दिखा रहे हैं। छोटे-छोटे गांव, कस्बे के नौजवान, हमारे बेटे-बेटियां आज कमाल दिखा रहे हैं। मैं देश के नौजवानों को कहना चाहता हूं, आज अवसरों की कमी नहीं है। आप जितने अवसर चाहेंगे, ये देश आसमान से ज्यादा अवसर देने का सामर्थ्य रखता है।
- इस कालखंड में कोई भूभाग ऐसा नहीं था, कोई समय ऐसा नहीं था जब भारत के वीरों ने देश की आजादी की लौ को जलाये न रखा हो। देश की नारीशक्ति, देश के किसान, देश के मजदूर, कोई भी ऐसा नहीं था जो आजादी के सपने को लेकर जीता न हो। जनचेतना का वह व्यापक रूप, त्याग और तपस्या का वह व्यापक रूप, जन-जन के अंदर विश्वास जगाने वाला वह पल, आखिरकार 1947 में देश आजाद हुआ।
- पूर्वोत्तर में विशेषकर मणिपुर में, जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। देश मणिपुर के लोगों के साथ है, मणिपुर के लोगों ने कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी है, उसको आगे बढ़ाए। शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है और करती रहेगी।
- कोविड-19 महामारी के बाद एक नई विश्व व्यवस्था, एक नया भू-राजनीतिक समीकरण बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भू-राजनीति की परिभाषा बदल रही है। आज नई विश्व व्यवस्था को आकार देने में 140 करोड़ लोगों की क्षमता देखी जा सकती है।
- इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के अनेक हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा किए। जिन परिवारों ने इस संकट को सहन किया है मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। राज्य-केंद्र सरकार मिलकर उन सभी संकटों से मुक्त होकर तेजी से विकास की ओर आगे बढ़ेंगी, ये विश्वास दिलाता हूं।
- आज 15 अगस्त महान क्रांतिकारी श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती पूर्ण हो रही है। ये वर्ष स्वामी दयानंद सरस्वती के 150वीं जयंती का वर्ष है। इस बार जब हम 26 जनवरी मनाएंगे वो हमारे गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ होगी: पीएम मोदी