शनिवार को नगर निगम शिमला की बैठक बचत भवन में हुई। मासिक बैठक में पार्षदों के विरोध के बावजूद संपत्ति कर (Property Tax) में चार फीसद की बढ़ोतरी पर मुहर लग गई। इसके साथ ही शहर में अब हर साल टैक्स की दर में बढ़ोतरी को भी लागू कर दिया है। राजधानी शिमला में टैक्स की राशि को केंद्र से आए नए फॉर्मूले के मुताबिक बढ़ाने के प्रस्ताव नगर निगम की बैठक में लाया गया था। इसका पार्षदों ने खुलकर विरोध किया और इस पर काफी देर हंगामा भी होता रहा। भाजपा से लेकर माकपा पार्षद ने भी इसका खुलकर विरोध किया और इस मसले पर काफी देर हंगामा होता रहा। विपक्ष के पार्षदों का तर्क था कि इससे शहर के लोगों पर पड़ेगा, लेकिन प्रशासन ने उन्हें समझाया कि शहर के विकास के लिए अनिवार्य है। इसके बावजूद उनका विरोध चलता रहा, साथ ही टैक्स की नई को लागू करने के प्रस्ताव को पारित कर दिया. पुराने फामूले के तहत इस बार नगर निगम में 10 फ़ीसदी टैक्स बढ़ोतरी की प्रस्तावना थी। नया फार्मूला आने के बाद टैक्स में चार फीसद की ही बढ़ोतरी हुई है। भले ही इस साल लोगों को बढ़ोतरी कम लगेगी, लेकिन अब हर साल शहर में टैक्स की दर बढ़ेगी। इसका सीधा बोझ शहर के लोगों पर पड़ेगा।
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