आज हिंदुओं का धार्मिक पर्व गंगा दशहरा पूरे देश भर में धूमधाम के साथ मनाया गया। हरिद्वार, प्रयागराज, ऋषिकेश, वाराणसी समेत तमाम गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने स्नान करके दान पुण्य किए। हरिद्वार हर की पैड़ी को लेकर आज सुबह देश भर की निगाहें लगी हुई थी। इसकी वजह यह है कि पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, और विनेश फोगाट ने हरिद्वार हर की पैड़ी पर अपने मेडल फेंकने का एलान किया था। इसी को लेकर हर की पैड़ी पर मंगलवार दोपहर बाद ही मीडिया कर्मियों का भी जवानों लगना शुरू हो गया। सैकड़ों की संख्या में चैनल से जुड़े कैमरा कर्मियों ने अपने-अपने कैमरे तान दिए। पहलवानों के मेडल फेंकने के एलान को लेकर यह खबर खूब ट्रेंड होने लगी। जिसने भी यह खबर सुनी सभी में पहलवानों के हर की पैड़ी पर मेडल फेंकने को लेकर उत्सुकता बढ़ती जा रही थी। गंगा में मेडल फेंकने को लेकर हरिद्वार जिला प्रशासन भी एक्टिव हो गया। वहीं दूसरी ओर बजरंग पूनिया साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत कई पहलवान मंगलवार शाम करीब 6 बजे हरकी पैड़ी पर पहुंच गए। इस समाचार को लेकर सोशल मीडिया से लेकर चैनलों में दिखाने की होड़ लग गई। आखिर क्या शाम करीब 7 भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना देने वाले पहलवानों ने हर की पौड़ी में अपने मेडल गंगा में बहाने का फैसला बदल दिया है।
पहलवान मेडल बहाने के लिए हरिद्वार पहुंच गए थे। इसका पता चलते ही भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत वहां पहुंचे। नरेश टिकैत ने काफी देर तक पहलवानों को समझाया। उन्होंने पहलवानों को आश्वासन दिया कि वह पहलवानों को इंसाफ दिलाने के लिए वार्ता करेंगे नरेश टिकैत की बात मानने के बाद पहलवान करीब पौने दो घंटे के बाद वापस लौट गए हैं। पहलवानों से बात कर उन्होंने केंद्र सरकार को कार्रवाई के लिए 5 दिन का अल्टीमेटम दिया है। टिकैत ने उनसे मेडल्स वाली पोटली भी ले ली है। उन्होंने कहा कि इन्हें राष्ट्रपति को देंगे। सभी खिलाड़ी हरिद्वार से घर के लिए रवाना हो गए हैं। इससे पहले गंगा समिति पहलवानों के खिलाफ खड़ी हो गई थी। उनका कहना था कि ये (हर की पौड़ी) पूजा-पाठ की जगह है, राजनीति की नहीं। दूसरी तरफ पहलवानों के गंगा में मेडल प्रवाहित करने का श्री गंगा सभा ने विरोध किया था। सभा के अध्यक्ष पं. नितिन गौतम ने कहा कि गंगा का क्षेत्र है, राजनीति का अखाड़ा न बनाएं, मेडल खेल की अस्थियां नहीं हैं। खेल अजर-अमर है, पूजा करें, स्वागत है। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें। नितिन गौतम ने कहा कि हम मेडल प्रावहित करने से रोकेंगे। गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि मेडल को हर की पौड़ी पर प्रवाहित नहीं करने देंगे।
ये धार्मिक जगह है, इसका विरोध के लिए इस्तेमाल नहीं होने दे सकते। बता दें, ये पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। रविवार को पुलिस से हुई झड़प के बाद ये जंतर-मंतर से लौट आए थे। इससे पहले दिल्ली पुलिस की ओर से हिरासत में लेने और जंतर-मंतर से धरना स्थल से हटाए जाने के बाद पहलवानों ने मंगलवार को कहा था कि वे कड़ी मेहनत से जीते अपने पदक गंगा नदी में फेंक देंगे और इंडिया गेट पर ‘आमरण अनशन’ पर बैठेंगे।
रेसलर्स साक्षी मलिक ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक बयान में बताया था कि पहलवान मंगलवार को शाम छह बजे पदकों को पवित्र नदी में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार जाएंगे। साक्षी ने बयान में कहा था, ‘‘पदक हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। हम इन्हें गंगा में बहाने जा रहे हैं। इनके गंगा में बहने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। पहलवान विनेश फोगाट ने भी इस बयान को शेयर किया था। रविवार को दिल्ली पुलिस ने साक्षी मलिक के साथ विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता विनेश फोगाट और एक अन्य ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया को हिरासत में लिया था बाद में उनके खिलाफ कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज की। दरअसल, पहलवानों और उनके सामर्थकों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की थी। पहलवानों को नए संसद भवन की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं थी। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका उद्घाटन करना था और पुलिस ने जब पहलवानों और उनके समर्थकों को रोका तो उनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई थी।