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आज पूरे देश भर में मकर संक्रांति, खिचड़ी का पावन पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही प्रयागराज, के संगम, वाराणसी, हरिद्वार हरकी पैड़ी, उज्जैन और ऋषिकेश समेत तमाम नदियों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु डुबकी लगा रहे हैं। देश में परंपरा के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। लेकिन पिछले कुछ समय से देखा गया है कि कई पर्व 2 दिन मनाए जाने लगे हैं। इसका बड़ा कारण शुभ मुहूर्त 2 दिन के हो रहे हैं। हालांकि देश में नदियों में स्नान आज चल रहा है और शुभ मुहूर्त रविवार यानी 15 जनवरी को है। मकर संक्रांति आज और कल दोनों दिन मनाई जा रही है। वहीं मकर संक्रांति गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत कई प्रदेशों में पतंग उत्सव भी मनाया जाता है। पतंग उत्सव का सबसे ज्यादा आकर्षण गुजरात में रहता है। क्या आम, क्या खास क्या अभिनेता और नेता सभी पतंग उड़ाते हैं। बता दें कि पतंग उड़ाना भी धार्मिक मान्यताओं और शुभ माना जाता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मकर संक्रांति पर हर साल अपने गृह राज्य गुजरात पहुंचते हैं। और अहमदाबाद में पतंग उड़ाते हैं।
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इसके लिए गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार शाम को ही अहमदाबाद पहुंच गए थे। आज उन्होंने गुजरात में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। उसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने पत्नी के साथ अहमदाबाद स्थित वेजलपुर में खूब जमकर पतंग उड़ाई। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने आसमान में उड़ती पतंगों को भी काट दिया। इस दौरान अमित शाह की पत्नी सोनल शाह चरखी लिए हुई थीं। अमित शाह ने पतंग उत्सव में खूब आनंद उठाया । इस दौरान उनके सुरक्षाकर्मी आसपास खड़े रहे। वहीं दूसरी ओर अहमदाबाद में ही मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी पतंग उड़ाते हुए नजर आए। बता दें कि मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति से ही ऋतु में परिवर्तन होने लगता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इस त्योहार को स्थानीय मान्यताओं के अनुसार धूमधाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य उत्तरायण होता है।
इस दिन दान-दक्षिणा का विशेष महत्व होता है। इस दिन देश भर में पतंग उड़ाने की भी परंपरा है। कही-कहीं तो इस दिन पतंग उड़ाने की बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। आइए जानते हैं कि आखिर इस दिन पतंग क्यों उड़ाई जाती है। मकर संक्रांति के दिन पूरे देश में पतंग उड़ाई जाती है, इसलिए इस दिन को पतंग पर्व भी कहा जाता है। संक्रांति पर पतंग उड़ाने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। तमिल की तन्नाना रामायण के अनुसार,पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्रीराम ने शुरु की थी। मकर संक्रांति के दिन भगवान श्री राम ने जो पतंग उड़ाई थी, वो इंद्रलोक तक पहुंच गई थी। यही वजह है कि इस दिन पतंग उड़ाई जाती है।
पतंग को खुशी, आजादी और शुभता का संकेत माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाकर एक-दूसरे को खुशी का संदेश दिया जाता है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से भी इसका खास महत्व होता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य की किरणें शरीर के लिए अमृत समान मानी जाती हैं। इससे विभिन्न तरह के रोग दूर होते हैं। माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने से आप सूर्य की किरणों को अधिक मात्रा में ग्रहण करते हैं, और शरीर में ऊर्जा आती है और विटामिन डी की कमी पूरी होती है।