फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और एक्टर धीरज कुमार का निधन हो गया है। उन्होंने 79 साल की उम्र में मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में आखिरी सांस ली। निमोनिया के कारण उन्हें एडमिट कराया गया था, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया या था। लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। उन्होंने बॉलीवुड और पंजाबी फिल्मों में एक्टिंग की थी, जिनमें ‘संग्राम’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ व ‘बहरूपिया’ जैसी फिल्में शामिल हैं। धीरज की निधन की खबर सामने आते ही सिनेमा जगत में शोक की लहर छा गई है।
धीरज कुमार हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता, निर्माता और निर्देशक के तौर पर जाने जाते थे। बीते दिनों से उनकी तबीयत कुछ ठीक नहीं चल रही थी, जिसके चलते उनके मुंबई के कोकिलाबेन अंबानी हॉस्पिटल में एडमिट किया गया।
धीरज कुमार निमोनिया से पीड़ित चल रहे थे।
12 जुलाई को खराब स्वास्थ्य के कारण उन्हें मुंबई को कोकिलाबेन हॉस्टिपल में एडमिट किया गया।
कंडीशन खराब होने के कारण वह आईसीयू (ICU) में एडमिट रहे।
उनके परिवार के बयान के मुताबिक 15 जुलाई को उनका देहांत हो गया।
आखिरी बार हाल ही में धीरज को नवी मुंबई के इस्कॉन मंदिर में स्पॉट किया गया था।
सिनेमा में धीरज का सुनहरा योगदान
1970 में फिल्म दीदार से धीरज कुमार ने किया था डेब्य।
15 साल के एक्टिंग करियर में उन्होंने 20 से ज्यादा मूवीज में काम किया।
इस दौरान वह हीरा पन्ना, रोटी कपड़ा और मकान, क्रांति जैसी कई मूवीज में नजर आए।
राजेश खन्ना और सुभाष के घई के साथ टैलेंट शो के फाइनलिस्ट रहे थे धीरज।
सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने 1970 से लेकर 1984 तक 21 पंजाबी मूवीज में भी अहम रोल अदा किया था।
इसके अलावा धीरज कुमार ने बतौर निर्माता और निर्देशक के रूप में भी हिंदी सिनेमा में लंबी पारी खेली। खासतौर पर 1997 में दूरदर्शन पर आए माइथोलॉजिक टीवी सीरियल ओम नम: शिवाय् के डायरेक्टर के तौर पर उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की थी।