धरोहर की जंग : सदियों पुराने मंदिर को लेकर थाईलैंड और कंबोडिया में शुरू हुआ संघर्ष, दोनों ओर से की गई गोलीबारी में कई लोगों की मौत, जानिए क्या है पूरा विवाद - Daily Lok Manch
September 13, 2025
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धरोहर की जंग : सदियों पुराने मंदिर को लेकर थाईलैंड और कंबोडिया में शुरू हुआ संघर्ष, दोनों ओर से की गई गोलीबारी में कई लोगों की मौत, जानिए क्या है पूरा विवाद


एशिया के दो देश थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। दोनों देशों के बीच सदियों से चले आ रहे एक प्राचीन सूर्य मंदिर को लेकर पूरा विवाद है। गुरुवार, 24 जुलाई को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष की शुरुआत हो गई। कंबोडियन तोपखाने की गोलाबारी में कम से कम 11 थाई नागरिक और एक सैनिक मारे गए थे, जबकि 24 नागरिक और सात सैन्यकर्मी घायल हुए थे। कंबोडिया ने इस घटना में किसी भी मौत की पुष्टि नहीं की है।

यह संघर्ष 2008 में भी हुआ था, जिसमें कंबोडिया के 19 और थाईलैंड के 16 सैनिक मारे गए थे, साथ ही कुछ नागरिक भी हताहत हुए ।थाईलैंड ने जवाब में कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। हमले को देखते हुए थाईलैंड ने बॉर्डर पर F-16 लड़ाकू विमान तैनात किया है। दोनों देशों ने एक दूसरे पर पहले हमला करने का आरोप लगाया है।


सूर्य मंदिर को लेकर थाईलैंड और कंबोडिया में जंग जैसे हालात बनते जा रहे हैं। सदियों पुरानी विरासत और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक यह मंदिर अब दो देशों के बीच कूटनीतिक तनाव और क्षेत्रीय दावे का केंद्र बन गया है। दोनों ही पक्ष इसे अपनी ऐतिहासिक पहचान और अधिकार से जोड़कर देख रहे हैं, जिससे स्थिति लगातार तनावपूर्ण होती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब इस बढ़ते विवाद पर टिकी हैं, जो कभी भी सीमाई संघर्ष का रूप ले सकता है। बता दें कि प्रीह विहियर (सूर्य मंदिर)  थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सदियों पुराने सूर्य मंदिर को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। दोनों देशों द्वारा इस ऐतिहासिक धरोहर पर दावा किए जाने के बाद अब सीमा क्षेत्रों में तनाव बढ़ गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों देशों की सेनाओं ने मंदिर के आसपास अपने सुरक्षा बलों की तैनाती तेज कर दी है, जिससे हालात युद्ध जैसे बनते दिख रहे हैं।




क्या है विवाद?


प्रसिद्ध प्रीह विहियर मंदिर (जिसे सूर्य मंदिर भी कहा जाता है) कंबोडिया की सीमा के भीतर स्थित है, लेकिन थाईलैंड इसके आसपास के भू-भाग पर अपना अधिकार जताता रहा है। वर्ष 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा माना था, लेकिन थाईलैंड इस फैसले के कुछ हिस्सों पर अब भी आपत्ति जताता रहा है।




दोनों देशों के बीच बढ़ी तल्खी


हाल के दिनों में दोनों देशों में राष्ट्रवाद की लहर और आंतरिक राजनीतिक दबाव के कारण यह मुद्दा और अधिक गर्मा गया है। थाईलैंड ने हाल ही में मंदिर क्षेत्र के पास नई सैन्य चौकियाँ बनाईं, जिसका कंबोडिया ने विरोध करते हुए कहा कि यह उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है। जवाब में कंबोडिया ने भी अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखा है।


यूनेस्को की भूमिका भी सवालों में


2008 में जब यूनेस्को ने इस मंदिर को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया, तभी से यह विवाद और तेज हो गया। थाईलैंड का आरोप है कि यूनेस्को ने यह फैसला कंबोडिया के पक्ष में जल्दबाजी में लिया, जबकि कंबोडिया का कहना है कि यह उसका ऐतिहासिक अधिकार है।




क्या कहती है अंतरराष्ट्रीय बिरादरी?


संयुक्त राष्ट्र और आसियान (ASEAN) देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह विवाद जल्द नहीं सुलझाया गया तो यह पूरे दक्षिण-पूर्वी एशिया की शांति को प्रभावित कर सकता है। सूर्य मंदिर केवल एक ऐतिहासिक इमारत नहीं, बल्कि दोनों देशों की अस्मिता, गौरव और कूटनीति का केंद्र बन चुका है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि यह विवाद कूटनीति से सुलझेगा या इतिहास खुद को किसी संघर्ष के रूप में दोहराएगा।

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