(उत्तराखंड में पहली बार गणतंत्र दिवस पर लोकतंत्र नगर निकाय चुनाव नतीजों की भी गूंज सुनाई देगी। देश के किसी भी चुनाव में शायद यह पहली बार होगा कि किसी चुनाव में वोटों की गिनती गणतंत्र दिवस के दिन भी जारी रहेगी। उल्लेखनीय है कि बैलट पेपर से हुए मतदान के पूरे नतीजे आने में दो दिन लग जाते हैं। राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले उत्तराखंड में निकाय चुनाव के लिए डाले गए वोटों की गिनती शनिवार 25 जनवरी से सुबह शुरू हो चुकी है। उत्तराखंड निकाय चुनाव में बैलट पेपर से मतदान हुआ था इसलिए पूरा चुनाव परिणाम आने में दो दिन का समय लगेगा। उत्तराखंड निकाय चुनाव की तारीखों का एलान करते समय राज्य निर्वाचन आयोग टाइमिंग का सही आंकलन नहीं कर सका। आयोग द्वारा हुई चूक धामी सरकार, पूरी पुलिस-प्रशासन लॉबी के साथ सुरक्षाकर्मियों और हजारों मतदान कर्मियों को भारी पड़ रही है। मुख्यमंत्री धामी को निकाय चुनाव के नतीजों के साथ 26 जनवरी गणतंत्र दिवस समारोह और इसी महीने 28 जनवरी को उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हो रहे राष्ट्रीय खेलों की ओपनिंग सेरेमनी में देहरादून के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम और व्यवस्थाओं को लेकर मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं। )
दिन सोमवार, तारीख 23 दिसंबर साल 2024 को
उत्तराखंड निकाय चुनाव की तारीखों का एलान करते समय राज्य निर्वाचन आयोग टाइमिंग का सही आंकलन नहीं कर सका। राज्य आयोग ने उत्तराखंड में 23 जनवरी को निकाय चुनाव कराने और 25 जनवरी को वोटों की गिनती की तिथि घोषित की थी। लेकिन चुनाव आयोग को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए था कि निकाय चुनाव ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से कराए जाने थे। बैलट पेपर से कराए गए चुनाव नतीजा आने में लंबा वक्त लगता है। चुनाव आयोग द्वारा हुई चूक धामी सरकार, पूरी पुलिस-प्रशासन लॉबी के साथ सुरक्षाकर्मियों और हजारों मतदान कर्मियों को भारी पड़ रही है। हालांकि इस मामले में कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है लेकिन कहीं न कहीं अंदरखाने में गणतंत्र दिवस (राष्ट्रीय पर्व) के दिन काम करने पर सरकारी कर्मचारियों को मायूसी भी है।
“उत्तराखंड में पहली बार गणतंत्र दिवस पर लोकतंत्र निकाय चुनाव नतीजों की भी गूंज सुनाई देगी।”सरकारी कर्मचारी के अलावा राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बहुत ही व्यस्त शेड्यूल हो गया है। मुख्यमंत्री धामी को निकाय चुनाव के नतीजों के साथ 26 जनवरी गणतंत्र दिवस समारोह और इसी महीने 28 जनवरी को उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हो रहे राष्ट्रीय खेलों की ओपनिंग सेरिमनी में देहरादून के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम और व्यवस्थाओं को लेकर मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं। यह सब निकाय चुनाव की वोटिंग और काउंटिंग की गलत टाइमिंग की वजह से हजारों लोगों का राष्ट्रीय पर्व का उत्साह फीका पड़ गया है। 23 जनवरी को निकाय चुनाव के लिए वोटों की गिनती गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले शनिवार, 25 जनवरी से पूरे प्रदेश भर में शुरू हुई। देश के किसी भी चुनाव में शायद यह पहली बार होगा कि किसी चुनाव में वोटों की गिनती गणतंत्र दिवस के दिन भी जारी रहेगी। उल्लेखनीय है कि बैलट पेपर से हुए मतदान के पूरे नतीजे आने में दो दिन लग जाते हैं। राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले उत्तराखंड में निकाय चुनाव के लिए डाले गए वोटों की गिनती शनिवार 25 जनवरी से सुबह शुरू हो चुकी है। उत्तराखंड निकाय चुनाव में बैलट पेपर से मतदान हुआ था इसीलिए पूरा चुनाव परिणाम आने में दो दिन का समय लगेगा। हालांकि शनिवार को भी देर रात तक कई चुनाव नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। लेकिन चुनाव नतीजों की पूरी तस्वीर गणतंत्र दिवस के बाद साफ हो पाएगी।
इन चुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है। हालांकि कुछ सीटों पर कई अन्य दल और निर्दलीय भी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। उत्तराखंड के 100 नगर निकायों के चुनाव परिणाम आने शुरू हो जाएंगे। प्रदेश में 11 नगर निगम, 46 नगर पालिका और 43 नगर पंचायतों में काउंटिंग जारी है। साथ ही निगमों में पार्षद के 540, नगर पालिकाओं में सभासद के 444 और नगर पंचायतों में वार्ड सदस्य के 298 पदों पर चुनाव की मतगणना हो रही है। पहली बार विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तरह निकाय चुनावों के परिणाम भी घर बैठे मोबाइल पर ऑनलाइन देखे जा सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए कुल 54 मतगणना केंद्र बनाए हैं। मतगणना के लिए 6366 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। निकाय चुनावों में परिणाम केवल राजनीतिक दलों के लिए ही नहीं, बल्कि स्थानीय मुद्दों पर जनता की राय जानने का भी जरिया होंगे। मुकाबला कई जगहों पर कांटे का है और छोटे अंतर से हार-जीत तय हो सकती है। उत्तराखंड में शनिवार दोपहर तक निकाय चुनाव की मतगणना के बीच पहले रुझान में निर्दलीय प्रत्याशी दोनों ही राष्ट्रीय दल बीजेपी और कांग्रेस को कड़ी टक्कर देते हुए नजर आ रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में निर्दलीयों ने भी कई सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। उधर भारतीय जनता पार्टी फिलहाल सबसे आगे नजर आ रही है। हालांकि अभी यह आंकड़े रुझानों तक है। वास्तविक स्थिति रविवार शाम तक ही स्पष्ट हो सकेगी। सभी जिलों में अलग-अलग जगहों पर मतगणना हो रही है। हर केंद्र पर सुरक्षा बल तैनात हैं और मतगणना को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। निकाय चुनावों के नतीजे राज्य में सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों के लिए राजनीतिक संदेश देंगे। यह न केवल जनता की मौजूदा सरकार के प्रति राय बताएंगे, बल्कि आगामी चुनावों के लिए भी दलों की रणनीति तय करेंगे। प्रदेश में सभी की नजरें इन नतीजों पर हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार उत्तराखंड के निकाय चुनावों में किसके सिर जीत का ताज सजेगा। उत्तराखंड के मतदाताओं में आम चुनाव के बाद निकाय चुनाव में भी मतदान का रुझान कम नजर आया है। 2018 निकाय चुनाव के 69.79 से लगभग 4 प्रतिशत गिरावट के साथ इस बार मतदान 65.41 प्रतिशत रहा है। जिलेवार आंकड़े देखें तो केवल अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में ही मतदान बढ़ा है। पिछले छह सालों के दौरान राज्य में नगर निगमों की संख्या 11 हो चुकी है। श्रीनगर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ नगर निगमों में पहली बार चुनाव हुए हैं। इससे पहले वे नगर पालिकाएं थीं।
इस बार भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस धूमधाम के साथ मनाने जा रहा–
इस साल भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। देश के गौरवपूर्ण इतिहास का प्रतीक राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस को कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और कच्छ से लेकर कोहिमा तक पूरे देश में हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद जरूर हुआ था लेकिन हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। 26 जनवरी 1950 ही वह दिन था जब भारत पूर्ण गणतंत्र बना। इसी वजह से हर साल 26 जनवरी का दिन राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। साथ ही नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से भी ये दिन मनाया जाता है। इस मौके पर स्कूल-कॉलेजों में रंगारंग कार्यक्रम और कई जगहों पर अवकाश दिया जाता है। हालांकि गणतंत्र दिवस एक छुट्टी नहीं बल्कि अपने देश और उस की महानता को याद करने का दिन है। संविधान ही है जो भारत के नागरिकों के एक सूत्र में बांधे रखता है इसलिए यह दिन हमारे लिए बेहद खास है। संविधान वह दस्तावेज है जो बताता है कि भारत सरकार कैसे काम करती है और इस देश नागरिकों के क्या अधिकार व कर्तव्य हैं। यह दिन भारत में राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता है। राजधानी दिल्ली में इस बार गणतंत्र दिवस परेड के दौरान दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) और केंद्र सरकार के 10 मंत्रालयों/विभागों की झांकी दिखाई जाएगी। ये झांकियां ‘स्वर्णिम भारत विरासत और विकास’ की व्यापक थीम का हिस्सा होंगी और भारत की विविध शक्तियों और इसके निरंतर विकसित होते सांस्कृतिक समावेश को एक शानदार भविष्य की ओर अग्रसर करती हुई प्रदर्शित करेंगी। 76वें गणतंत्र दिवस परेड में इंडोनेशिया से 160 सदस्यीय मार्चिंग टुकड़ी और 190 सदस्यीय बैंड शामिल होंगे, जो कर्तव्य पथ पर भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियों में शामिल होंगे। इस वर्ष, परेड के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया गणराज्य के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो होंगे। उत्तराखंड में भी गणतंत्र दिवस उत्साह के साथ मनाया जाएगा। सभी सरकारी गैर सरकारी कार्यालयों में ध्वजारोहण किया जाएगा।
राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड तैयार, ओपनिंग सेरेमनी में पीएम मोदी रहेंगे मौजूद–
उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए राज्य पूरी तरह तैयार है। इस खेल के आयोजन को लेकर देवभूमि में जश्न का माहौल है। आठ जिलों के 12 शहरों में 35 खेलों का आयोजन होगा। इन खेलों में देशभर से करीब 10 हजार से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। 26 जनवरी से शुरू हो रहे इन खेलों का औपचारिक उद्घाटन 28 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। आठ जिलों के 12 शहरों में 35 खेलों का आयोजन किया जाएगा। संकल्प से शिखर तक टैग लाइन और ग्रीन गेम्स थीम पर होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों की 26 जनवरी से शुरुआत हो जाएगी। 26 जनवरी को ट्रायथलान के मुकाबले शुरू हो जाएंगे। हालांकि खेलों का औपचारिक उद्घाटन 28 जनवरी को देहरादून के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। 14 फरवरी तक होने वाले इस समारोह में देश के सभी राज्यों के करीब दस हजार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। राष्ट्रीय खेलों में 35 खेलों से जुड़ी 47 स्पर्धाओं का आयोजन किया जा रहा है। पीएम मोदी के देहरादून दौरे को देखते हुए सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। 24 जनवरी को एसपीजी (विशेष सुरक्षा समूह) की एडवांस टीम कार्यक्रम स्थल रजत जयंती खेल परिसर देहरादून पहुंची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को दोपहर 3:30 बजे महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज पहुंचेंगे। इसके बाद स्पोर्ट्स कॉलेज में बनाए गए प्रधानमंत्री कार्यालय में करीब 2 घंटे तक अधिकारियों की बैठक लेंगे। बैठक संपन्न होने के बाद करीब 6 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराणा स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर में बने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पहुंचेंगे। जहां पर राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ किया जाने को लेकर ओपनिंग सेरेमनी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 38वें राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ करेंगे। राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराणा प्रताप खेल स्टेडियम में चल रही राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों को परखा। यहां राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सीएम ने कहा कि सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और अब हमें इस ऐतिहासिक पल का इंतजार है। पूरे देश के लोग भी राष्ट्रीय खेलों का इंतजार कर रहे हैं। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और चूंकि राज्य मेजबान है, इसलिए राज्य के लोग उत्साहित हैं, सभी का स्वागत करेंगे और यह एक ऐतिहासिक आयोजन होगा। हमारी देवभूमि भी खेल भूमि के रूप में स्थापित होगी।