अपनों से ही घिरी उत्तराखंड सरकार : सियासी बवाल के बीच विधानसभा में आकर पहली बार महिला स्पीकर को करनी पड़ी "प्रेस कॉन्फ्रेंस" - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
October 18, 2024
Daily Lok Manch
उत्तराखंड

अपनों से ही घिरी उत्तराखंड सरकार : सियासी बवाल के बीच विधानसभा में आकर पहली बार महिला स्पीकर को करनी पड़ी “प्रेस कॉन्फ्रेंस”

आमतौर पर देखा जाता है किसी प्रदेश में मुख्यमंत्री या उनके मंत्री (किसी विशेष मामले या कोई आकस्मिक घटना या किसी विशेष योजना की जानकारी) देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं। लेकिन बहुत ही कम ऐसे मामले होते हैं जिसमें विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ती है। आज बात करेंगे उत्तराखंड की। राज्य में कई दिनों से “विधानसभा” में नियमों को ताक पर रखकर की गई भर्ती को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। इस मामले में भाजपा और कांग्रेस के बीच भी जुबानी जंग जारी है। मामले की गूंज दिल्ली भाजपा हाईकमान तक पहुंच गई है। ‌ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी विधानसभा में भर्ती में की गई अनियमितताओं की जांच को लेकर सख्त रवैया अपनाए हुए हैं, लेकिन कांग्रेस धामी सरकार पर ही सीधे आरोप भी लगा रही है। अब बात को आगे बढ़ाते हैं। विधानसभा में नियमों को ताक पर रख कर भर्ती हुई है तो उसकी जवाबदेही भी विधानसभा अध्यक्ष की बनती है। हालांकि जब यह भर्ती की गई थी उस समय उत्तराखंड में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल थे। इस साल फरवरी महीने में उत्तराखंड में भी विधानसभा चुनाव हुए थे। ‌ अबकी बार प्रेमचंद्र अग्रवाल उत्तराखंड धामी सरकार में वित्त मंत्री हैं। इस बार उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की बेटी और कोटद्वार से भाजपा से चुनाव जीती ऋतु खंडूड़ी को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया है। 2 दिन पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पत्र लिखकर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को भर्तियों में हुई गड़बड़ी की जांच करने की मांग की थी। सियासी बवाल के बीच “राजधानी देहरादून में दोपहर करीब 3:30 बजे विधानसभा में स्पीकर ऋतु खंडूरी को पूरे मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी”। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का सियासी गलियारों में कई दिनों से इंतजार भी हो रहा था। खंडूड़ी ने कहा कि विधानसभा भर्तियों में हुई गड़बड़ियों की जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी गठित की है, कमेटी एक माह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट स्पीकर के समक्ष पेश करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। इसके साथ ही विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को एक महीने के अवकाश पर भेज दिया गया है। सिंघल का ऑफिस विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की मौजूदगी में सील कर दिया गया है। इस एक्सपोर्ट कमेटी में दिलीप कुमार कोठिया को अध्यक्ष, सुरेंद्र सिंह रावत को सदस्य और अविनेंद्र सिंह नयाल को सदस्य बनाया गया है। बता दें कि हाल के वर्षों में राजधानी देहरादून में स्थित विधानसभा में विभिन्न पदों पर फर्जी तरीके से नियुक्ति कर लोगों को तैनात किया गया था। इसमें अधिकांश भाजपा से जुड़े नेताओं के चहेते और रिश्तेदारों के नाम शामिल हैं। विधानसभा में अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, आदि पदों पर नियमों को ताक पर रख कर भर्ती की गई। ‌ इस मामले में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत मोर्चा खोले हुए हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर विपक्ष कांग्रेस भी धामी सरकार को घेरने में लगी हुई है।

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