उत्तराखंड चार धाम यात्रा :  सीएम धामी के बेहतर प्रबंध और सेवाभाव से अभिभूत हुए तीर्थयात्री - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
October 14, 2025
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उत्तराखंड चार धाम यात्रा :  सीएम धामी के बेहतर प्रबंध और सेवाभाव से अभिभूत हुए तीर्थयात्री



उत्तराखंड में सबसे बड़े धार्मिक उत्सव चार धाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है । 30 अप्रैल अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए। उसके बाद 2 मई को बाबा केदारनाथ धाम खुल चुके हैं। 4 मई, रविवार को बद्रीनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोले  जाएंगे। इसी के साथ देवभूमि उत्तराखंड में विधिवत रूप से चार धाम यात्रा शुरू हो चुकी है । चारधाम यात्रा का आगाज होते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। हर साल चार धाम यात्रा शुरू होने से पूरे प्रदेश भर में अलग नजारा दिखाई देता है । देश-विदेश से लाखों तीर्थ यात्री चार धाम में दर्शन करने पहुंचते हैं। मैदान से लेकर पहाड़ तक अलग रौनक दिखाई देती है। इस बार भी चार धाम यात्रा शुरू होने से उत्तराखंड में रौनक शुरू हो गई है । इस बार यह यात्रा नया कीर्तिमान बनाने जा रही है । यात्रा से दुकानदारों, होटल सचालकों, बस-टैक्सी आदि व्यवसाय से हजारों लोगों की रोजी-रोटी भी जुड़ी हुई है। इसके साथ चार धाम यात्रा से आने वाला राजस्व भी प्रदेश सरकार को “मालामाल” करता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा की कमान पूरी तरह से संभाल रखी है। कुछ समय पहले ही प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 करोड़ से अधिक की भीड़ को जिस प्रकार से मैनेजमेंट किया है उसकी प्रशंसा देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में की गई । ऐसे में मुख्यमंत्री धामी भी चाहेंगे इस बार चार धाम यात्रा के दौरान सुरक्षा से लेकर व्यवस्था की कोई कमी न रहे। हालांकि यह भी सही है कि प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ और चार धाम यात्रा में अगर भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो काफी अंतर भी है। प्रयागराज मैदानी क्षेत्र में आता है वहीं यहां पर पहाड़ी और दुर्गम रास्ते भी यात्रियों के लिए कम जोखिम भर रहते हैं। इसके साथ सबसे बड़ी समस्या हर साल मौसम की भी रहती है । पहाड़ों पर अचानक मौसम खराब होने की वजह से यात्रा मार्गों पर व्यवधान आता है और श्रद्धालु फंसे रहते हैं । इन सभी समस्याओं को देखते हुए सीएम धामी ने इस बार सुरक्षा के साथ व्यवस्था भी अपने हाथ में ले ली है । इसी साल जनवरी महीने में आयोजित राष्ट्रीय खेलों का मुख्यमंत्री ने कुशल मैनेजमेंट दिखाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने उनकी खूब प्रशंसा भी की । इसके साथ प्रदेश के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ भी यात्रा को लेकर एक्टिव हैं। प्रदेश के डीजीपी रहते हुए दीपम सेठ की भी बड़ी जिम्मेदारी है कि इस बार चार धाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को सुरक्षा संबंधी कोई परेशानी न हो। पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ यात्रा में पूरी नजर रखे हुए हैं। पिछले महीने में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद श्रद्धालुओं की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। 30 अप्रैल को गंगोत्री धाम के कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री धामी मौजूद रहे। इस दौरान हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा भी की गई । ऐसे ही केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले ही सीएम धामी पहुंचे । यहां भी हजारों श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश की गई। यही नहीं पहले दिन लाइन में लगे श्रद्धालुओं से मुख्यमंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर फीडबैक भी लिया । केदारनाथ धाम में सीएम को अपने पास पाकर हजारों श्रद्धालु का उत्साह और बढ़ गया । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद नियमित तौर पर चार धाम की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। सीएम धामी ने बीते दिनों देहरादून में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में चारधाम यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया था। उन्होंने बताया था, हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को बिना किसी परेशानी के चार धाम के दर्शन कराए जाएं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा चारधाम यात्रा उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है।‌ सीएम धामी ने कहा था कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस यात्रा को और सरल बनाने के लिए अगर कोई अतिरिक्त कार्य करने की आवश्यकता होगी, तो उसे तत्काल पूरा किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए कि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की कमी न रहे और श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव प्रदान किया जाए।


केदारनाथ धाम पहुंचे सीएम धामी ने कहा- इस बार भी चार धाम यात्रा नया कीर्तिमान बनाएगी



रुद्रप्रयाग स्थित विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह सात बजे विधि-विधान से खुल गए हैं। कपाट उद्घाटन के लिए केदारनाथ मंदिर की भव्य सजावट की गई। मंदिर को 108 क्विंटल से अधिक फूलोंं से सजाया गया । भव्य सजावट के बीच कपाट खुलते ही हेली से पुष्प वर्षा भी की गई, जिसे देख श्रद्धालु अभिभूत नजर आए। कपाट खोलने के मौके पर केदारनाथ धाम भक्तों की भीड़ से पटा नजर आया। हर तरफ ‘जय बाबा केदार’ और ‘बम-बम भोले’ की गूंज सुनाई दी। जिस तरह से भीड़ उमड़ रही है, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भी रिकॉर्ड बनेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कपाट खुलने के साक्षी बने। मुख्यमंत्री ने कपाट खुलने पर केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। केदारनाथ धाम में सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम सम्पन्न हुई। मुख्यमंत्री धामी ने कपाट खुलने पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा राज्य के साथ ही संपूर्ण देश को इस पल की प्रतीक्षा रहती है। केदारनाथ धाम सनातन धर्मावलंबियों की धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र होने के साथ ही भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। हमारे राज्य के लिए यह उत्सव का समय है। मुख्यमंत्री ने बाबा केदार से सभी यात्रियों के मंगलमयी यात्रा की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा केदार के धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। बाबा केदार के आशीर्वाद से इस वर्ष भी चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनाएगी। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा के सुव्यस्थित और सफल संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा सुरक्षा और सुगमता के लिए सरकार ने सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं। उन्होंने कहा हम सभी उत्तराखंडवासियों का कर्तव्य है कि हम देश और दुनिया से आने वाले अतिथियों का स्वागत आत्मीयता और सेवा भाव से करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा केदारनाथ के अनन्य भक्त हैं। 2013 आपदा के बाद प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केदार नगरी के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हुआ। उन्हीं के मार्गदर्शन में आज केदारनाथ परिसर का दिव्य और भव्य निर्माण कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ की इसी भूमि से 21वी सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था। उनके शब्दों को सच करने के लिए राज्य सरकार निरंतर विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है।



केदारनाथ में मुख्य सेवक भंडारा में सीएम ने श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया




केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर केदारनाथ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ परिसर में आयोजित मुख्य सेवक भंडारा में श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया। इस दौरान उन्होंने केदारनाथ की स्वच्छता में लगे पर्यावरण मित्रों, पुनर्निर्माण कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सपत्नीक मुख्य सेवक भंडारा के तहत श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया और भोजन परोसा। इस दौरान हजारों की संख्या में लोगों ने मुख्य सेवक भंडारा का प्रसाद ग्रहण किया। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ आए श्रद्धालुओं से मुलाकात की एवं उनसे यात्रा को लेकर की गई व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया । यात्रा के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए श्रद्धालुओं ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत एवं उनकी यात्रा को सुगम बनाने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि  गत वर्ष केदारनाथ क्षेत्र में आपदा आई थी, जिससे करीब 35 दिन यात्रा बाधित रही। सरकार और प्रशासन ने स्थानीय लोगों के सहयोग से यात्रा को पुनः शुरु  किया, जिससे फलस्वरूप रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु चार धाम आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर स्तर पर यात्रा की लगातार मॉनिटरिंग करती है। यात्रा मार्गों में भी विभिन्न मूलभूत सुविधाएं स्थापित की गई हैं। उन्होंने कहा चार धाम यात्रा  राज्य की लाइफलाइन भी है। यह यात्रा लाखों लोगों की आजीविका का साधन भी है। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार का संकल्प है कि चार धाम यात्रा साल भर चले, जिसके लिए  राज्य में शीतकालीन यात्रा को भी प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए मुखवा, उत्तरकाशी में मां गंगा के दर्शन किए थे। मुख्यमंत्री ने समस्त प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री का आभार किया। उन्होंने कहा केदारनाथ का पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में  हो रहा है। प्रधानमंत्री केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य की  नियमित समीक्षा करते हैं। 2000 करोड़ की लागत से केदारनाथ का भव्य निर्माण कार्य जारी है।  उन्होंने कहा प्रधानमंत्री  के नेतृत्व में  केंद्र सरकार ने गौरीकुंड से केदारनाथ तक रोपवे निर्माण कार्य को स्वीकृति प्रदान की है। इस अवसर श्रीमती गीता पुष्कर धामी, विधायक श्रीमती आशा नौटियाल, डॉ. मधु भट्ट, कर्नल अजय कोठियाल, तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, अंकित सेमवाल, उमेश पोस्ती हिमांशु चमोली एवं अन्य लोग मौजूद रहे।



बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलते ही हुई विशेष पूजा अर्चना


भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली शीतकाल गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से होते हुए गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड जैसे विभिन्न पड़ावों से श्री केदारनाथ धाम पहुंची। कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह पांच बजे से शुरू हुई । 6 बजे श्री केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी बागेश लिंग, विधायक केदारनाथ आशा नौटियाल, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, धर्माचार्यों वेदपाठीगणों भैरव नाथ के अरविंद शुक्ला ने पूरब द्वार से मंदिर में प्रवेश किया तथा मंदिर के गर्भगृह के द्वार की पूजा-अर्चना में शामिल हुए। कपाट खुलने के अवसर पर श्रीमती गीता धामी, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, मुख्य कार्याधिकारी बीकेटीसी विजय प्रसाद थपलियाल, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी/सहायक अभियंता गिरीश देवली, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी धर्माधिकारी औंकार शुक्ला वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, पुजारी बागेश लिंग,वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, यशोधर मैठाणी, विश्व मोहन जमलोकी , देवानंद गैरोला,विपिन तिवारी कुलदीप धर्म्वाण, प्रकाश पुरोहित,उमेश शुक्ला सहित बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित एवं अन्य लोग मौजूद रहे।


चारों धामों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 23 लाख से ज्यादा हुआ


चारों धामों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 23 लाख से ज्यादा पहुंच गया है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पहले दिन केदारनाथ धाम में 30154 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। जबकि यमुनोत्री धाम में 2 मई तक 29544 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। गंगोत्री धाम में 2 मई को 17362 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इस तरह से अब तक तीनों धाम के कपाट खुलने पर 77050 यात्री दर्शन के लिए पहुंचे हैं। शुक्रवार को एक ही दिन में चारों धामों के लिए 9895 तीर्थ यात्राओं ने ऑफलाइन पंजीकरण भी कराया है। अब तक कुल 57,284 श्रद्धालु ऑफलाइन पंजीकरण करा चुके हैं। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2 मई शाम तक 23 लाख 50 हजार 845 यात्रियों के पंजीकरण हो चुके हैं। पर्यटन विभाग की ओर से ऋषिकेश, हरिद्वार, हरबर्टपुर और विकास नगर में भी ऑफलाइन पंजीकरण केंद्र खोले गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की संख्या केदारनाथ धाम के लिए है। यहां 7,92,312 श्रद्धालुओं ने दर्शन के लिए पंजीकरण कराया है। जबकि बद्रीनाथ धाम के लिए 7 लाख 11 हजार 434 यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन किया है। इसी तरह गंगोत्री धाम के लिए 4 लाख 19 हजार 180 और यमुनोत्री धाम के लिए 3 लाख 84 हजार 52 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण किया है।



इस बार चार धाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को नहीं होगी कोई असुविधा


इस बार चार धाम यात्रा के दौरान प्रदेश की धामी सरकार ने श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो इसके लिए बेहतर प्रबंध किए हैं। इस साल चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को टोकन सिस्टम के जरिए दर्शन कराए जा रहे हैं। ऐसा भीड़ को मैनेज करने के लिए किया जा रहा है। इससे श्रद्धालुओं को भी घंटों लाइन में लगने से छुटकारा मिलेगा। तीर्थयात्रियों को धाम पहुंचने पर उनके यात्रा पंजीकरण के आधार पर एक टोकन दिया जाएगा। इस टोकन में स्पष्ट रूप से दर्शन का समय दर्ज होगा, जिसके अनुसार वे दर्शन कर सकेंगे। टोकन सिस्टम कैसे करेगा काम । चारधाम यात्रा से पहले श्रद्धालु को पंजीकरण कराना जरूरी है।‌ धाम पहुंचने पर पंजीकरण दिखाने के बाद ही टोकन मिलेगा। टोकन में दर्शन का समय तय होगा। श्रद्धालु उस समय के अनुसार सीधे दर्शन कर सकेंगे। इस बार चारधाम यात्रा के दौरान मंदिर परिसर में वीडियो रील्स बनाने वालों को नहीं आने दिया जाएगा। यात्रा के दौरान यदि कोई सोशल मीडिया रील बनाता मिला तो बिना दर्शन उसे लौटा दिया जाएगा। बताया जाता है कि चारधाम की प्रकृति के लिए ये शोर शराबा ठीक नहीं है इसलिए इस बार कैमरा ऑन भी नहीं करने दिया जाएगा। इस बार चारधाम यात्रा के दौरान पैसे देकर वीआईपी दर्शन की व्यवस्था भी सभी धामों पर बंद रहेगी। बद्रीनाथ धाम की पंडा पंचायत का कहना है कि ये पैसे लेकर दर्शन करवाना भगवान की मर्यादा के खिलाफ है। इस बार सभी श्रद्धालु सामान्य दर्शन ही कर पाएंगे। इससे सभी को दर्शन करने का समान मौका मिलेगा। चारधाम यात्रा मार्ग को 10-10 किलोमीटर के हिस्सों में बांटा गया है। हर हिस्से में 6 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। यदि मौसम खराब होता है, तो यात्रियों को राहत देने के लिए 10 जगहों पर होल्डिंग स्थल बनाए गए हैं। यहां पर खाने-पीने और दूसरी जरूरी चीजें मिलेंगी। चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन पास के चेक प्वाइंट्स बनाए गए हैं। यमुनोत्री में बड़ाकोट, गंगोत्री में हीना, केदारनाथ में सोनप्रयाग और बद्रीनाथ में पांडुकेश्वर में चेक प्वाइंट्स बनाए गए हैं।

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