गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को विधानसभा चुनाव के एलान से पहले महत्वपूर्ण कैबिनेट की बैठक ली। इस बैठक में गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया है। इस प्रकार गुजरात अब देश में तीसरा राज्य बन गया है जो यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने जा रहा है। इससे पहले उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकारों ने समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी कर रखी है। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने शनिवार को राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की। कमेटी हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में बनेगी। राज्य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज कैबिनेट की बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। बैठक में समान नागरिक संहिता के लिए एक समिति का गठन करने का फैसला हुआ है। गुजरात में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने के मूल्यांकन के लिए एक पैनल गठित करने की घोषणा की।
इससे पहले उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सरकारों ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के अपने फैसले की घोषणा की थी। समान नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड) का मतलब है कि सभी नागरिकों के लिए एक समान नियम होने चाहिए। यानी भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा, फिर वह चाहे किसी भी धर्म या जाति का हो। इसके लागू होने पर शादी, तलाक, जमीन जायदाद के बंटवारे सभी में एक समान ही कानून लागू होगा, जिसका पालन सभी धर्मों के लोगों को करना जरूरी होगा। बता दें, भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में सत्ता में आने पर यूनिफॉर्म सिविल लागू करने का वादा किया था।