उत्तराखंड विधानसभा सत्र इस बार भी अपना पूरा समय नहीं कर सका। ऐसा कई बार से हो रहा है जब विधानसभा का कोई भी सत्र क्यों न हो अपना निर्धारित दिन नहीं कर पाता है । इस बार उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 5 दिसंबर यानी 7 दिन के लिए प्रस्तावित था। लेकिन यह सत्र 2 दिन में ही समाप्त हो गया। मंगलवार और बुधवार को सदन की कार्यवाही आयोजित की गई। इन 2 दिनों में विपक्ष कांग्रेस ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की वहीं दूसरी ओर धामी सरकार ने दो महत्वपूर्ण विधेयक विधानसभा से पारित करा लिए। इसके बाद विधानसभा सत्र अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित हो गया। विधानसभा में हुए दो दिवसीय शीतकाल सत्र के दौरान कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, अंकिता हत्याकांड के साथ ही यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला चर्चाओं में रहा। इसे साथ ही तमाम मुद्दों को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को घेरने की तमाम कोशिशें भी की। दो दिन तक चले इस सत्र में कार्यवाही काफी हंगामेदार रही। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में छह नए विधेयक रखे गए। वहीं, पहले दिन सदन के पटल पर दस विधेयक आए थे। इनमें से दो विधेयक बुधवार को पास हुए। पास होने वाले विधेयकों में महिला क्षैतिज आरक्षण और धर्मांतरण विरोधी विधेयक शामिल रहे। विधेयक पास होने के बाद अब ये दो कानून बन गए हैं। जल्द ही इन्हें लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।क्षैतिज आरक्षण का लाभ उस महिला अभ्यर्थी को मिलेगा, जिसका मूल अधिवास उत्तराखंड में है, लेकिन उसने अन्य कहीं कोई स्थायी अधिवास प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया है।