दो दिनों से राजधानी लखनऊ से लेकर दिल्ली तक उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मची हुई है। यूपी में उथल-पुथल को लेकर भाजपा के शीर्ष नेताओं में मुलाकात का दौर जारी है। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लगातार बगावती तेवर के बाद प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा जेपी नड्डा से हुई मुलाकात के दौरान हुई बैठक में अपने संबोधन के दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि पार्टी संगठन सरकार से बड़ा है। सभी मंत्रियों, विधायकों और जन प्रतिनिधियों को पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान करना चाहिए और उनके सम्मान का ख्याल रखना चाहिए। केशव प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद यूपी भाजपा खेमें में सियासी हलचलें में बढ़ गई हैं।
भाजपा उत्तर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने आज बुधवार शाम को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने उत्तर प्रदेश में सरकार-संगठन के बीच मौजूदा खींचतान और लोकसभा चुनाव की रिपोर्ट दी है। वहीं यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भी नड्डा से मिले थे। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार की शाम राजभवन पहुंचे । उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से की मुलाकात की। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने राजधानी दिल्ली में मुलाकात की है।
बता दें कि इन दिनों यूपी में सियासी हलचल का दौर है। यूपी की दस सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियों ने एड़ी चोटीं की जोर लगाने में जुट गई हैं। वहीं लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद यूपी के योगी सरकार ने विधानसभा उपचुनाव की कमान अपने हाथों में ले ली है।
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यहां तक कह डाला कि भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। अखिलेश ने अपने ट्वीट में लिखा है कि तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है। जनता के बारे में सोचनेवाला। अखिलेश यादव के ट्वीट पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पलटवार किया और कहा, सपा बहादुर अखिलेश यादव, भाजपा की देश और प्रदेश दोनों जगह मजबूत संगठन और सरकार है, सपा का पीडीए धोखा है। यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है, भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहराएगी।