आज आन-बान-शान की झलक, गणतंत्र दिवस के जोश और उल्लास में सराबोर देशवासी - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
October 18, 2024
Daily Lok Manch
राष्ट्रीय

आज आन-बान-शान की झलक, गणतंत्र दिवस के जोश और उल्लास में सराबोर देशवासी

आज पूरे देशवासियों के लिए बहुत ही गौरवशाली दिन है। जिसमें जोश, जज्बा, शौर्य, पराक्रम और वीरता की गाथाओं का वर्णन है। आज देश 73वां गणतंत्र दिवस धूमधाम के साथ मना रहा है। लद्दाख से लेकर कन्याकुमारी तक जोश और जज्बा देशवासियों में छाया हुआ है, होना भी चाहिए । इस मौके पर तिरंगा शान से लहरा रहा है। हर जगह भारत माता की जय और वंदे मातरम की गूंज सुनाई दे रही है। देश के वीर सैनिकों की वीर की गाथाएं गूंज रही हैं। दिल्ली के राजपथ पर 26 जनवरी की परेड के लिए भव्य तरीके से कार्यक्रम आयोजन शुरू हो गए हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और गृहमंत्री समेत तीनों सेनाओं के प्रमुख और वीर सैनिक राजपथ पर मौजूद हैं। राजधानी दिल्ली से लेकर शहरों, कस्बों और गांव तक तिरंगा लहरा रहा है। पूरा देश अपने गणतंत्र दिवस के जश्न में डूबा हुआ है। राजपथ की परेड पर इस बार गणतंत्र दिवस के लिए सिर्फ 12 राज्यों की झांकियों को चुना गया है। इसके अलावा इसमें मंत्रालय से जुड़ी 9 झांकियां शामिल हैं। 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर आज भी राजपथ पर देश की आन-बान और शान की शानदार झलक देखने को मिल रही है । वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार इंडिया गेट के स्थान पर नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। राजपथ पर 21 तोपों की सलामी दी गई । इस बार कोरोना गाइडलाइन की वजह से राजपथ पर दर्शकों की संख्या भी काफी कम है। इसके साथ भारत के सभी राज्यों के सभी प्रदेशों में सभी राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल ने तिरंगा फहराया। वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हाड़ कंपाने वाली ठंड के बीच वीर सैनिकों ने तिरंगा फहराया। इस खास अवसर पर देश की राजधानी दिल्ली के राजपथ पर भव्य कार्यक्रम होता है जिसमें सैन्यकर्मियों की परेड के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों की झाकियां निकलती हैं। इस खास अवसर पर राष्ट्रपति इंडिया गेट पर झंडा भी फहराते हैं। आइए जानते हैं देश में गणतंत्र दिवस मनाने की शुरुआत कब से हुई थी।

भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था—


हर देश में अपना गणतंत्र दिवस होता है। जिसमें नागरिकों को लेकर उनके मूल कर्तव्य और अधिकार समाहित रहते हैं। भारत को आजादी के करीब ढाई सालों बाद 26 जनवरी, 1950 को अपना संविधान मिला था। इस संविधान को विश्व का सबसे बड़ा संविधान भी कहा जाता है। संविधान की रूपरेखा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने संविधान सभा में पहली बार 1948 को प्रस्तुत की थी। बताया जाता है कि इसके निर्माण में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का वक्त लगा था, जिसे लगभग तीन साल भी कहा जा सकता है। संविधान के जरिए ही भारत को लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया था। भारत का संविधान 26 नवंबर, 1949 को बनकर ही तैयार हो गया था, लेकिन इसे पूर्ण रूप से 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। संविधान लागू होने के बाद से ही हर साल इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। संविधान लागू होने के बाद देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी, 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोपण करते हुए देश को पूर्ण राज्य घोषित किया था। तब से आज तक इस देश को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1950 से 1954 के बीच गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन कभी किंग्सवे कैंप, कभी लाल किला तो कभी रामलीला मैदान में होता था। 1955 के बाद से गणतंत्र दिवस की परेड रायसीला पहाड़ी से शुरू होकर राजपथ, इंडिया गेट से गुजरते हुए आठ किलोमीटर की दूरी तय करके लाल किले पर खत्म होती है।

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