VIDEO : अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर में भगवान राम-सीता की मूर्ति बनाने के लिए नेपाल से करोड़ों साल पुरानी दो विशाल शालिग्राम शिलाएं बड़े ट्रकों से हुई रवाना, सड़कों पर दर्शन, पूजा करने के लिए उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़, देखें वीडियो - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
February 3, 2025
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VIDEO : अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर में भगवान राम-सीता की मूर्ति बनाने के लिए नेपाल से करोड़ों साल पुरानी दो विशाल शालिग्राम शिलाएं बड़े ट्रकों से हुई रवाना, सड़कों पर दर्शन, पूजा करने के लिए उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़, देखें वीडियो

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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की तैयारियां पूरे जोरों से चल रही हैं। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजस्थान के जालोर के भीनमाल में नीलकंठ महादेव की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि एक साल के भीतर अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण हो जाएगा।
वहीं दूसरी ओर अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर मनाने में नेपाल की करोड़ों साल पुराने शिला भी ट्रकों से रवाना हो गए हैं। बता दें कि अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान राम, सीता माता, हनुमान व चारों भाइयों की प्रतिमाओं का निर्माण नेपाल की शालिग्राम शिला से होगा। शुक्रवार को नेपाल से 40 टन वजन की दो विशाल शालिग्राम शिलाएं दो ट्रकों के माध्यम से अयोध्या के लिए रवाना की गई हैं।

अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर में भगवान राम-सीता की मूर्ति बनाने के लिए नेपाल से करोड़ों साल पुरानी दो विशाल शालिग्राम शिलाएं बड़े ट्रकों से हुई रवाना, सड़कों पर दर्शन, पूजा करने के लिए उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़।

नेपाल सरकार के सहयोग से गुरुवार को विधिवत पूजा के बाद काली गंडकी नदी से दोनों विशाल शालिग्राम शिलाओं को निकाला गया, जिन्हें दो ट्रकों पर लदाकर रवाना कर दिया गया। जिस काली गंडकी नदी के किनारे से ये पत्थर लिया गया है। वो नेपाल की पवित्र नदी है। ये दामोदर कुंड से निकल कर भारत में गंगा नदी में मिलती है। इस नदी किनारे रहे शालीग्राम के पत्थर पाए जाते हैं। इनकी आयु करोड़ों साल की होती है। ये सिर्फ यहीं पाए जाते हैं। इतना ही नहीं भगवान विष्णु के रूप में शालीग्राम पत्थरों की पूजा की जाती है। इस कारण से इसे देवशिला भी कहा जाता है। इस पत्थर को यहां से उठाने से पहले विधि विधान के हिसाब से क्षमा पूजा की गई। फिर क्रेन के सहारे पत्थर को ट्रक पर लादा गया। अब उसे पूरे राजकीय सम्मान के साथ ले जाया जा रहा है। जहां जहां से यह शिला यात्रा गुजर रही है। वहां पूरे रास्ते भर में भक्तजन और श्रद्धालु इसके दर्शन और पूजन कर रहे हैं। बता दें कि 30 जनवरी को ये शिलाएं नेपाल-भारत की सीमा पर स्थित मधुबनी जिले के शहरगांव स्थान पर भारत में प्रवेश करेगी। 1 या 2 फरवरी ये शिलाएं अयोध्या पहुंच जाएंगी। ट्रक के साथ 100 से अधिक लोग अयोध्या पहुंचेगे, जिनमें नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री कमलेंद्र निधि, जनकपुरधाम के महंथ सहित कई साधु-संत शामिल हैं।

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