उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार 11 अक्टूबर को पूरे दिन भर समाजवादी पार्टी और पुलिस के बीच झड़प चलती रही। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बुधवार दोपहर 12 बजे
लखनऊ के जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर यानी JPNIC पहुंचे। यहां 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। गेट पर ताला लगा दिया था। टिन शेड की दीवार खड़ी की थी। लेकिन, रोक नहीं पाए। अखिलेश करीब 8 फीट ऊंचा गेट फांदकर JPNIC के अंदर घुस गए। कुछ भी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई। दरअसल, आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर अखिलेश यादव को उन्हें श्रद्धांजलि देने जाना था। लेकिन सपा मुखिया को अंदर नहीं जाने दिया गया। ऐसे में JPNIC का गेट बंद होने पर अखिलेश यादव गेट फांदकर अंदर दाखिल हुए और जय प्रकाश नारायण की मूर्ति पर माल्यार्पण किया।

बताया जा रहा है कि एलडीए ने देर शाम ही गेट पर ताला डाल दिया था। गेट फांदकर कोई न जा पाए इसके लिए लोहे की चादर की दीवार भी लगा दी थी। एलडीए ने सुरक्षा कारणों की वजह से अखिलेश को JPNIC में जय प्रकाश की प्रतिमा पर माल्यार्पण कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी थी। इसके विरोध में बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। वहीं, JPNIC के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई। इस बीच मौके पर अखिलेश यादव पहुंचे और गेट फांदकर JPNIC के अंदर चले गए। 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। टीन शेड की दीवार भी खड़ी थी लेकिन अखिलेश नहीं रुके। करीब आठ फीट ऊंचा गेट फांदकर वे अंदर पहुंच गए। उनके पीछे-पीछे कई अन्य सपाई भी जेपीएनआईसी के अंदर पहुंच गए। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “महान समाजवादी विचारक, सामाजिक न्याय के प्रबल प्रवक्ता लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर अब क्या सपा को माल्यार्पण करने से रोकने के लिए ये टिन की चद्दरें लगाकर JPNIC का रास्ता रोका जा रहा है। सच ये है कि भाजपा लोकनायक जयप्रकाश जी के भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ छेड़े गये आंदोलन की स्मृति को दोहराने से डर रही है क्योंकि भाजपा के राज में तो भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोजगारी और महंगाई तब से कई गुना ज्यादा है।
इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी को दी गई थी जिसके लिए उन्होंने एलडीए को पत्र लिखकर परमिशन भी मांगी थी, लेकिन एलडीए ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए गेट पर ताला लगवा दिया। अखिलेश यादव ने इस दौरान कहा कि सरकार ने कानून बनाया कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से नुकसान की वसूली की जाएगी। आज जेपीएनआईसी को नष्ट किया जा रहा है। इसके लिए सरकार को भी मुआवजा देना चाहिए। वहीं यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लोकनायक जयप्रकाश की जयंती मनाने का नैतिक अधिकार नहीं है। वो उसी कांग्रेस की गोद में बैठे हैं जिसने देश में आपातकाल थोपकर लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास किया। जब उन्हें जेपीएनआई के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी तो वो वहां क्या करने गए थे? उन्हें नहीं जाना चाहिए था पर वो मीडिया कवरेज चाहते थे इसलिए नौटंकी करने गए थे।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ने कहा कि अखिलेश यादव सत्ता के बिना बेचैन हो गए हैं। राज्य की सत्ता उनके हाथ से निकल गई है और केंद्र की सत्ता आनी नहीं है। अब सत्ता के लिए लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास करने वाली कांग्रेस की गोद में बैठ गए हैं। गौरतलब है कि JPNIC को लेकर सपा और भाजपा सरकार में 2017 से विवाद चल रहा है। सपा के मुताबिक, JPNIC अखिलेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट था, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया था।