इस बार पांच राज्यों के चुनाव में नेताओं की मैदान के बजाय डिजिटल पर होगी सियासी लड़ाई, कोरोना ने फीका किया चुनावी त्योहार - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
October 18, 2024
Daily Lok Manch
राजनीतिक राष्ट्रीय

इस बार पांच राज्यों के चुनाव में नेताओं की मैदान के बजाय डिजिटल पर होगी सियासी लड़ाई, कोरोना ने फीका किया चुनावी त्योहार


 –पं. शंभू नाथ गौतम

काफी समय से पांच राज्यों की जनता विधानसभा चुनाव को लेकर तारीखों का इंतजार कर रही थी। देश में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक के साथ निर्वाचन आयोग ने आज उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया। लेकिन इस बार इन राज्यों में राजनीतिक दलों के नेताओं की मैदान में हुंकार दिखाई नहीं देगी। सही मायने में कोरोना ने देश में लोकतंत्र के उत्सव को फीका कर दिया है। इस बार पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में सियासी लड़ाई मैदान के बजाय डिजिटल पर होगी। भारत में चुनाव एक उत्सव की तरह है, जिसमें नेताओं के भाषण, चुनावी शोर न दिखाई दे वह चुनाव नहीं माना जाता है। लेकिन इस बार पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के मैदान में नेताओं की हुंकार दिखाई नहीं देगी। निर्वाचन आयोग ने आज पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के विधानसभा चुनाव की तारीखों का शंखनाद कर दिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार देश के इतिहास में पहली बार विधानसभा चुनाव बिना रैलियों के होंगे। देश में कोरोना की तीसरी लहर में होने जा रहे पांचों राज्यों के चुनाव पूरी तरह डिजिटल पर आधारित होंगे। कोरोना महामारी के बीच शनिवार शाम करीब 4:30 बजे मुख्य निर्वाचन आयोग सुशील चंद्रा ने 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान कर दिया । चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही सभी चुनावी राज्यों में आचार संहिता भी लागू हो गई है। उत्तर प्रदेश में 403 सीटों के लिए 7 चरणों में चुनाव होंगे। उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 1 चरण में चुनाव होंगे। पंजाब की 117 विधानसभा सीटों पर 1 चरण में मतदान होगा।‌‌ गोवा में 40 विधानसभा सीटों के लिए भी 1 चरण में ही वोटिंग होगी। मणिपुर में 60 सीटों पर 2 चरण में चुनाव संपन्न होंगे। शुरुआत 10 फरवरी को उत्तर प्रदेश से होगी। सभी राज्यों के चुनावों के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे। चुनाव आयोग ने कहा कि कोरोना के बीच 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में सख्त प्रोटोकॉल का पालन कराया जाएगा। 15 जनवरी तक किसी भी तरह के रोड शो, रैली, पद यात्रा, साइकिल और स्कूटर रैली की इजाजत नहीं होगी। वर्चुअल रैली के जरिए ही चुनाव प्रचार की इजाजत होगी। जीत के बाद किसी तरह के विजय जुलूस भी नहीं निकाला जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि ज्यादातर राज्यों में वैक्सीनेशन की स्थिति बेहतर है। गोवा में 95 फीसदी आबादी का वैक्सीनेशन हो चुका है।‌ उत्तराखंड में 90 फीसदी लोगों को पहली वैक्सीन लग चुकी है। सभी एजेंसियों को अलर्ट पर किया गया है। सुविधा एप के जरिए उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन भी कर सकते है। कोरोना के बीच चुनाव कराने के लिए नए प्रोटोकॉल लागू किए जाएंगे। सभी चुनाव कर्मियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी होगी। 

पंजाब गोवा और उत्तराखंड में 14 फरवरी को होंगे मतदान—

पंजाब, गोवा, उत्तराखंड में एक दिन ही मतदानचुनाव आयोग ने उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में मतदान के लिए 14 फरवरी का दिन तय किया है। उत्‍तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च, सातवें चरण का मतदान 7 मार्च को होगा। मणिपुर में पहले चरण की वोटिंग 27 फरवरी और दूसरे चरण के लिए 3 मार्च को वोटिंग होगी। सभी राज्‍यों के नतीजे 10 मार्च को घोषित कर दिए जाएंगे। इन पांच राज्‍यों में से चार में बीजेपी की सरकार है जबकि पंजाब में कांग्रेस सत्‍ता में है। चुनावी बिगुल बजने से साथ इन पांच राज्‍यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। मतदान कार्यक्रम के अलावा, पूरे भारत में मामलों की बढ़ती संख्या के बीच कोविड-19 प्रोटोकॉल की भी घोषणा भी हुई।सभी कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
दलों को अपने उम्मीदवारों की आपराधिक रिकॉर्ड की घोषणा करनी होगी। उम्मीदवार को भी आपराधिक इतिहास बताना होगा। आज पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होते ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में आचार संहिता लागू हो गई है। अब इन राज्यों में सरकार का कोई भी मंत्री, विधायक यहां तक कि मुख्यमंत्री भी चुनाव प्रक्रिया में शामिल किसी भी अधिकारी से नहीं मिल सकता। आचार संहिता में सरकार किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का ट्रांसफर या पोस्टिंग नहीं कर सकती। अगर किसी अधिकारी ट्रांसफर या पोस्टिंग जरूरी भी हो तो आयोग की अनुमति लेनी होगी। विज्ञापन या जन संपर्क के लिए नहीं हो सकता। अगर पहले से ही ऐसे विज्ञापन चल रहे हों तो उन्हें हटा लिया जाएगा। किसी भी तरह की नई योजना, निर्माण कार्य, उद्घाटन या शिलान्यास नहीं हो सकता। अगर पहले ही कोई काम शुरू हो गया है तो वो जारी रह सकता है। अगर किसी तरह की कोई प्राकृतिक आपदा या महामारी आई हो तो ऐसे वक्त में सरकार कोई उपाय करना चाहती है तो पहले चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होगी।

Related posts

चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे को दिया बड़ा झटका, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की हुई शिवसेना, चुनाव चिह्न तीर-धनुष सौंपा

admin

आजमगढ़ में मौजूद योगी सरकार के मंत्री को अचानक हाईकमान का बुलावा, कार्यक्रम को बीच में छोड़ पहुंचे दिल्ली, यूपी में हलचल तेज

admin

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने “राहुल गांधी की तुलना भगवान राम से की और अपने को भरत बताया”, बयान पर भड़की भाजपा

admin

Leave a Comment