तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर हादसे में चीफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका और शहीद हुए जांबाज अफसरों का शोक देहरादून के आईएमए में दिखाई पड़ा। जनरल रावत के न होने से पासिंग आउट परेड के दौरान खालीपन महसूस किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बतौर निरीक्षण अधिकारी पीओपी में शिरकत करने बाद पासिंग आउट बैच के कैडेट्स को संबोधित किया। राष्ट्रीय शोक के चलते मल्टी एक्टिविटी डिस्प्ले और लाइट एंड साउंड शो को रद कर दिया गया। पासिंग आउट परेड में राष्ट्रपति के साथ सीडीएस जनरल बिपिन रावत को भी शिरकत करनी थी। इसी को लेकर अकादमी प्रबंधन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ था। लेकिन आठ दिसंबर को तमिलनाडु हादसे में जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद अचानक सब कुछ बदल गया। शनिवार को देहरादून के इंडियन मिलिट्री अकादमी यानी आईएमए में आज पासिंग आउट परेड सादगी भरे माहौल में आयोजित की गई। इस बार पासिंग आउट परेड के दौरान युवा सैन्य अफसरों ने आईएमए ग्राउंड में मार्च पास्ट खत्म होने के बाद युवा अफसरों ने इस बार आसमान की ओर टोपी उछाल कर सेलिब्रेट नहीं किया। न ही कोई जश्न का आयोजन किया गया। पूरा पासिंग आउट समारोह बहुत ही शांत भरे माहौल में आयोजित किया गया। बता दें कि आज पासिंग आउट परेड में देश-विदेश के 387 जेंटलमैन कैडेट्स शामिल हुए, इनमें से 319 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले, जबकि आठ मित्र देश अफगानिस्तान, भूटान, श्रीलंका, नेपाल, मालद्वीव, म्यांमार, तंजानिया और तुर्कमेनिस्तान की सेना को 68 युवा सैन्य अधिकारी मिले। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड की समीक्षा की और पास आउट हो रहे जेंटलमैन कैडेटों से सलामी ली। उनके साथ में कमांडेंड लेफ्टिनेंट जनरल हरिंद्र सिंह और स्वाॅर्ड ऑफ ऑनर विजेता आनमोल गुरुंग भी मौजूद रहे। इसके बाद भावी सैन्य अफसरों की भव्य मार्च पास्ट हुई। समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कैडेट्स को अवॉर्ड से सम्मानित किया।
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