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February 11, 2025
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Mahakumbh 2025 महाकुंभ में कल माघी पूर्णिमा पर होगा विशेष स्नान, अभी तक 45 करोड़ श्रद्धालु लगा चुके हैं संगम में डुबकी

कल 12 फरवरी, बुधवार को माघी पूर्णिमा के मौके पर महाकुंभ में विशेष स्नान होने जा रहा है। जिसे लेकर योगी सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। पिछले कई दिनों से प्रयागराज में भीषण जाम लगने से लाखों श्रद्धालु परेशान रहे। जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष तैयारी की है। मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब उस शिखर पर पहुंच गया है, जिसकी महाकुंभ से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उम्मीद जताई थी। सीएम योगी ने पहले ही अनुमान जताया था कि इस बार जो भव्य और दिव्य महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, वह स्नानार्थियों की संख्या का नया रिकॉर्ड स्थापित करेगा। उन्होंने शुरुआत में ही 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी। उनका यह आंकलन महाकुंभ के समापन से 15 दिन पहले ही सच साबित हो गया। मंगलवार की सुबह 8 बजे ही महाकुंभ में 45 करोड़ स्नानार्थियों की संख्या पार हो गई।

आज मंगलवार को सुबह 8 बजे तक करीब 50 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई, जिसके साथ ही महाकुंभ में स्नानार्थियों की संख्या 45 करोड़ पार हो गई। अभी महाकुंभ को 15 दिन और दो महत्वपूर्ण स्नान पर्व शेष हैं। पूरी उम्मीद है कि स्नानार्थियों की संख्या 50-55 करोड़ के ऊपर जा सकती है। आध्यात्मिक महत्व, भव्य अनुष्ठानों और अत्याधुनिक तकनीकी हस्तक्षेपों के मिश्रण के साथ, इस कुंभ मेले ने भीड़ प्रबंधन, स्वच्छता और डिजिटल सुविधा में नए मानक स्थापित किए हैं। आगंतुकों की संख्या 45 करोड़ से अधिक होने के साथ, भीड़ प्रबंधन एक प्रमुख फोकस रहा है। अगला अमृत स्नान 12 फरवरी, 2025 को माघ पूर्णिमा स्नान है।

11 फरवरी, 2025 की सुबह से मेला क्षेत्र को ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित

माघ पूर्णिमा स्नान के दौरान सुचारू भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने 11 फरवरी, 2025 की सुबह से मेला क्षेत्र को ‘नो व्हीकल जोन’ के रूप में नामित किया है, जिसमें केवल आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं की अनुमति है।

भारतीय रेलवे भी पूरी क्षमता से काम कर रहा है

महाकुंभ 2025 की भीड़ को प्रबंधित करने के लिए भारतीय रेलवे भी पूरी क्षमता से काम कर रहा है। 9 फरवरी को लगभग 330 ट्रेनों ने 12.5 लाख तीर्थयात्रियों को पहुंचाया, 10 फरवरी को दोपहर 3 बजे तक 130 और ट्रेनें रवाना हुईं।

अधिकारियों और केंद्रीय मंत्रियों ने अमृत स्नान की तैयारियों की समीक्षा की

अधिकारियों और केंद्रीय मंत्री द्वारा आगामी 12 फरवरी 2025 को होने वाले अमृत स्नान की तैयारियों की समीक्षा की गई। प्रयागराज जंक्शन सहित सभी आठ स्टेशन पूरी तरह से चालू हैं, जबकि भीड़ प्रबंधन के लिए प्रमुख स्नान तिथियों के आसपास प्रयागराज संगम स्टेशन अस्थायी रूप से बंद है। राज्य सरकार ने विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से एक बहुस्तरीय सुरक्षा और निगरानी प्रणाली लागू की है। एआई-संचालित सीसीटीवी कैमरों, ड्रोन निगरानी और वास्तविक समय विश्लेषण के नेटवर्क ने निर्दिष्ट क्षेत्रों में तीर्थयात्रियों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की है।

प्रशासन ने भीड़भाड़ को कम करने के लिए स्नान घाटों तक पहुंच को सुव्यवस्थित करने के लिए एक डिजिटल टोकन प्रणाली भी शुरू की। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रावधान किए गए, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि कुंभ एक समावेशी आध्यात्मिक अनुभव बना रहे।

श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं

वहीं दूसरी ओर प्रयागराज में तीनों अमृत स्नान (मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी) के बाद भी श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है। देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु प्रतिदिन लाखों, करोड़ों की संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं।

श्रद्धा का जबरदस्त उत्साह लोगों को संगम तट तक खींचकर ला रहा है

बसंत पंचमी के अंतिम अमृत स्नान पर्व के बाद भी श्रद्धा का जबरदस्त उत्साह लोगों को संगम तट तक खींचकर ला रहा है। स्नानार्थियों में 10 लाख कल्पवासियों के साथ-साथ देश-विदेश से आए श्रद्धालु एवं साधु-संत शामिल रहे।

यदि अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ से ज्यादा और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई। इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी।

माघ पूर्णिमा से पहले भी प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम तट पर पवित्र स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं, महाशिवरात्रि पर भी लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होना है।

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