हल्द्वानी में रेलवे लाइन के किनारे बसी बस्तियों पर आज सुप्रीम कोर्ट ने मेहरबानी कर दी है। देश की शीर्ष अदालत ने पिछले महीने 20 दिसंबर को नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। अब हल्द्वानी में रेलवे लाइन किनारे बसे हजारों लोगों को राहत मिल गई है। हल्द्वानी का मामला पूरे देश भर में कई दिनों से सुर्खियों में बना हुआ था। इस फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की निगाहें भी लगी हुई थी। गुरुवार 1 जनवरी को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि 7 दिन में अतिक्रमण हटाने का फैसला सही नहीं है। सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय कौल ने कहा कि इस मामले को मानवीय नजरिए से देखना चाहिए। जस्टिस कौल ने कहा कि मामले में समाधान की जरूरत है। आरोप है कि हल्द्वानी में करीब 4400 हजार परिवार रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण करके रहते हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने दिसंबर 2022 में रेलवे को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद करीब 50 हजार लोगों के आशियाने पर बुलडोजर चलने का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन अब अगली सुनवाई तक इन लोगों को राहत मिल गई है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने तब तक के लिए हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया। हालांकि, सार्वजनिक परिसर अधिनियम के तहत कार्यवाही जारी रह सकती है। कोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार, रेलवे समेत सभी पक्षों को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।