रविवार शाम से झारखंड के देवघर त्रिकूट पहाड़ी पर बने रोपवे में हादसे के बाद अभी भी कई लोगों की जान हवा में अटकी हुई है। हालांकि आज सुबह से ही सेना और एनडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू चलाया हुआ है। हेलीकॉप्टर ट्रॉलियों में फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुटे हुए हैं। इन लोगों तक एक खाली ट्रॉली के जरिए बिस्किट और पानी के पैकेट पहुंचाए गए हैं। सांसद निशिकांत दुबे समेत कई आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। त्रिकुट पहाड़ के रोप-वे पर अभी भी 26 जिंदगियां फंसी हुई हैं। इन्हें निकालने के लिए सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाला हुआ है। 22 श्रद्धालुओं का बचाया गया। अब तक दो लोगों की मौत हो गई। रविवार की शाम 4 बजे हादसा तब हुआ जब पहाड़ पर बने मंदिर की तरफ एक साथ 26 ट्रॉलियां रवाना की। जिससे तारों पर अचानक लोड बढ़ा और रोलर टूट गया। तीन ट्रॉलियां पहाड़ से टकरा गईं। इससे दो ट्रालियां नीचे गिर गईं। इनमें सवार 12 लोग जख्मी हो गए और दो लोगों की मौत हो गई। ये झारखंड का यह एक मात्र रोप वे है। यह सतह से 800 मीटर की उंचाई पर है। रोप वे का समय नियमित रूप से सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक होता है। इसे भारत के सबसे ऊंचे केबल कार के तौर पर जाना जाता है। राज्य सरकार के अनुरोध पर इंडियन एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर द्वारा फंसे यात्रियों के सकुशल वापसी कराई जा रही है।
