हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर कब्जे की कहानी हिंदी फिल्मों जैसी, जिसमें बस्तियां, अदालत, गुस्सा, और सियासत भी है, देश भर में "बनभूलपुरा" बना चर्चा में, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज, जानिए यह मामला कैसे शुरू हुआ - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
July 25, 2025
Daily Lok Manch
Recent उत्तराखंड राजनीतिक राष्ट्रीय

हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर कब्जे की कहानी हिंदी फिल्मों जैसी, जिसमें बस्तियां, अदालत, गुस्सा, और सियासत भी है, देश भर में “बनभूलपुरा” बना चर्चा में, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज, जानिए यह मामला कैसे शुरू हुआ

आज हम चर्चा करेंगे उत्तराखंड के टाउन हल्द्वानी की। हल्द्वानी जिला नहीं है बल्कि नैनीताल में आता है। बता दें कि उत्तराखंड 2 संभागों कुमाऊं और गढ़वाल में बंटा हुआ है। गढ़वाल में सबसे बड़ा शहर राजधानी देहरादून है, जो कि मसूरी का प्रवेश द्वार भी है। ऐसे ही कुमाऊं का सबसे बड़ा शहर मैदानी क्षेत्र में हल्द्वानी है। हल्द्वानी हिल स्टेशन नैनीताल का प्रवेश द्वार है। हल्द्वानी एक बेहद खूबसूरत शहर माना जाता है इसके आसपास लाल कुआं जो मुख्य रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है। अब बात को आगे बढ़ाते हैं। हल्द्वानी पिछले 15 दिनों से पूरे देश भर की मीडिया और सोशल मीडिया में सुर्खियों में बना हुआ है। अब आप पूछेंगे सुर्खियों में क्यों बना हुआ है तो चलिए हम ही बता देते हैं। हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर कई वर्षों पहले लोगों ने अवैध जमीनों पर कब्जा कर कच्चे मकान बनाकर रहने लगे। धीरे-धीरे यहां पर रेलवे पटरी के किनारे कई बस्तियां बस्ती गई। जैसे आप लोगों ने फिल्मों में देखा होगा अवैध बस्तियां बस जाती हैं। लोग आते गए और रेलवे की जमीन पर कब्जा करते गए। हालांकि इस मामले में सरकार की भी गलती है। सरकार ने भी यहां कई सरकारी विद्यालय और पानी की टंकियों का निर्माण कराया।

हल्द्वानी के इस बस्ती का नाम “बनफूलपुरा” हो गया। यहां पर हजारों लोग के परिवार शिफ्ट होते चले गए। मामला ज्यादा बढ़ने पर पिछले महीने 20 दिसंबर को नैनीताल हाईकोर्ट ने रेलवे की जमीन खाली करने का आदेश जारी कर दिया। बता दें कि उत्तराखंड हाई कोर्ट ने 20 दिसंबर को दिए अपने फैसले में बेहद साफ कहा है कि अतिक्रमणकारियों को एक हफ्ते का नोटिस देकर इन्हें यहां से हटाया जाए। लोगों ने हाईकोर्ट से अपील की, कि पहले उनकी रहने की व्यवस्था की जाए उसके बाद उन्हें वहां से हटाया जाए। लेकिन, इसके साथ ही हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि पहले अतिक्रमण हटाए जाए और उसके बाद पुनर्वास पर विचार किया जाएगा। इसी के बाद हल्द्वानी के इन अवैध बस्तियों में रहने वाले हजारों लोग सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में सियासत भी खूब हो रही है। समाजवादी पार्टी, बसपा, कांग्रेस के लीडर भाजपा सरकार पर आरोप भी लगाए हुए हैं। नैनीताल के हाई कोर्ट के फरमान के बाद यहां पर बस्ती के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है। सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाने वाला है। नैनीताल डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए रेलवे, जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहा है।



अतिक्रमण को रेलवे प्रशासन को हटाना है, लेकिन कानून व्यवस्था और सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन रेलवे को पूरा सहयोग कर रहा है। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर लिखा है, ‘उत्तराखंड के हल्द्वानी में बर्फीले मौसम में ही अतिक्रमण हटाने के नाम पर हजारों गरीब और मुस्लिम परिवारों को उजाड़ने का अमानवीय कार्य अति दुःखद है। सरकार का काम लोगों को बसाना है, न कि उजाड़ना। बहुजन समाज पार्टी की मांग है कि सरकार इस मामले में जरूर सकारात्मक कदम उठाएं। अब आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है और कौन लोग हैं जो यहां पर कब्जा जमाए हुए हैं। रेलवे की जमीन खाली कराने के लिए पिछले दिनों नैनीताल हाईकोर्ट ने फरमान जारी किया था। इसी को लेकर इन अवैध कॉलोनियों में रहने वाले हजारों लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अपने सिर पर से छत छीन जाने फरमान के बाद हजारों की संख्या में महिला और पुरुष सड़क पर हैं। इनमें बड़ी आबादी अल्पसंख्यकों की है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में है। जिसकी आज सुनवाई होनी है।






इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है। ‌कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने राज्य सरकार पर मामले में सही से पैरवी न करने का आरोप लगाया है। अब आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है। उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक इलाका है बनभूलपुरा। करीब 50 हजार की आबादी वाले बनभूलपुरा में इंदिरा नगर और गफ्फूर बस्ती का इलाका आता है। करीब 29 एकड़ जमीन पर बसे इस इलाके पर रेलवे ने अपना दावा किया है। रेलवे का दावा है कि यह जमीन उसकी है, जिस पर अतिक्रमण किया गया है। हाई कोर्ट ने रेलवे के हक में फैसला सुनाते हुए एक हफ्ते के अंदर अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया है।




कोर्ट आदेश के बाद करीब 4 हजार से अधिक कच्चे-पक्के मकानों को तोड़ा जाएगा। स्थानीय लोगों के मुताबिक, कोर्ट के आदेश के बाद कड़ाके की ठंड के बीच 50 हजार से ज्यादा लोगों के सिर से छत छिनने का खतरा मंडराने लगा है। नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बुधवार को कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनकी मांग है कि सुप्रीम काेर्ट हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाए और हजारों लोगों को बेघर होने से बचाए। सुप्रीम कोर्ट आज, गुरुवार को मामले पर सुनवाई करेगा। इन लोगों की ओर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद पैरवी कर रहे हैं। यहां आपको बता दें कि हल्द्वानी में कई साल पहले बनफूलपुरा जो कि रेलवे की जमीन के अंतर्गत आती है उसमें कई लोगों ने धीरे-धीरे कच्चे घर बना लिए थे। इसके बाद यहां पर पक्के मकान बन गए और बस्तियां बसती चली गईं।




हल्द्वानी के रेलवे स्टेशन के आसपास रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर कब्जा है–


हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के आसपास का यह इलाका करीब 2 किलोमीटर से भी ज्यादा के क्षेत्र को कवर करता है। इन इलाकों को गफ्फूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर के नाम से जाना जाता है। यहां के आधे परिवार भूमि के पट्टे का दावा कर रहे हैं। इसके अलावा रेलवे की इस इलाके में कई सरकारी और निजी स्कूल, पानी की टंकियां भी हैं। इसके साथ यहां पर मंदिर और मस्जिद भी बने हुए हैं। यहां के आधे परिवार भूमि के पट्टे का दावा कर रहे हैं। बनभूलपुरा में 4 हजार से ज्यादा परिवार रहते हैं। इनमें अधिकतर मुस्लिम हैं।



इनमें उत्तर प्रदेश के रामपुर, मुरादाबाद और बरेली के अल्पसंख्यक समाज के लोग काम करते थे। धीरे-धीरे वह यहां बसते गए और रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर कब्जा हो गया। नैनीताल हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक सप्ताह के नोटिस के बावजूद भूमि खाली नहीं करने वाले अतिक्रमणकारियों से लागत वसूल की जाएगी, रेलवे को किसी भी रेलवे अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है जो हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करता है, साथ ही रेलवे को अतिक्रमणकारियों से वापस ली गई संपत्ति पर फेंसिंग लगाने का आदेश दिया गया है। हाई कोर्ट का आदेश मिलते ही रेलवे और जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कवायद शुरू कर दी। रेलवे ने नोटिस जारी कर अतिक्रमणकारियों को एक हफ्ते के अंदर यानी 9 जनवरी तक कब्जा हटाने को कहा।



रेलवे और जिला प्रशासन ने ऐसा न करने पर मकानों को तोड़ने की चेतावनी दी है। लोग अब अपने घरों को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। दो दिन पहले हल्द्वानी में रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाने के खिलाफ बनभूलपुरा क्षेत्र के हजारों लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया। इस दौरान महिलाओं के साथ ही बच्चे और बुजुर्ग भी कैंडल मार्च में शामिल हुए, जहां उन्होंने सरकार से अतिक्रमण न हटाए जाने की मांग की, साथ ही कहा कि अगर सरकार अतिक्रमण हटाना ही चाहती है तो सबसे पहले उनको विस्थापित किया जाए । नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश के बाद आज सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अहम सुनवाई करेगा। इसे लेकर पूरे देश भर की निगाहें लगी हुई है।

Related posts

आज दोपहर 3 बजे तक की यह हैं प्रमुख खबरों की सुर्खियां

admin

Navjot Singh Sidhu Meet Rahul Gandhi Priyanka Gandhi : जेल से रिहा होने के बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पहली बार राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की

admin

Himachal Pradesh Clouds Burst हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के बाद तीन जगह फटे बादल,नदी-नालों का जल स्तर अचानक से बढ़ गया, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, देखें वीडियो

admin

Leave a Comment