(PM Modi new looks Itanagar and Varanasi Kashi Tamil sangamam) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां जाते हैं वैसे ही वेशभूषा, बोली, और भाषा में अपने आप को ढाल लेते हैं। आज, 19 नवंबर को सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरुणाचल प्रदेश के इटानगर पहुंचे प्रदेश पहुंचे। ईटानगर में उन्होंने डोनी पोलो हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। यह राज्य का पहला ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा है। इसके अलावा पीएम ने 600 मेगावाट का मेंग जलविद्युत स्टेशन भी राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे। अरुणाचल प्रदेश में पीएम मोदी वहीं की वेशभूषा पहने हुए दिखाई दिए। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (काशी) पहुंचे। काशी पहुंचते-पहुंचते पीएम मोदी की वेशभूषा बदल गई। वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पर उतरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण भारतीय तमिलनाडु के लुक में पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी शर्ट-लुंगी पहने हुए हुए हैं और गले में गमछा धारण किए हुए पूरी तरह से “तमिल लिबास” में नजर आए। बाबतपुर एयरपोर्ट पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नेताओं ने पीएम मोदी का स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी जानी बीएचयू में ‘काशी तमिल संगमम’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

पीएम मोदी पहुंचे वैसे ही पूरा एंफीथिएटर मैदान वणक्कम-वणक्कम (तमिल भाषा का शब्द नमस्कारम) की आवाज से गूंज उठा। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि काशी और तमिलनाडु का प्राचीन काल से संबंध हैं। इसका प्रमाण काशी की गलियों में मिलेगा। यहां आपको तमिल संस्कृति के मंदिर मिलेंगे। हरिश्चंद्र घाट और केदार घाट पर 200 से ज्यादा वर्ष पुराना मंदिर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी और तमिलनाडु दोनों ही संस्कृति और सभ्यता के कालातीत केंद्र हैं। दोनों क्षेत्र संस्कृत और तमिल जैसी विश्व की सबसे प्राचीन भाषाओं के केंद्र हैं। तमिल भाषा पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पास भी दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल है। आज तक ये भाषा उतनी ही पॉपुलर है उतनी ही अलाइव है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि ये हम 130 करोड़ देशवासियों की जिम्मेदारी है कि हमें तमिल की इस विरासत को बचाना भी है और समृद्ध करना भी है। पीएम ने कहा, काशी में बाबा विश्वनाथ हैं तो तमिलनाडु में भगवान रामेश्वरम का आशीर्वाद है। काशी और तमिलनाडु दोनों शिवमय हैं, दोनों शक्तिमय हैं। एक स्वंय में काशी है, तो तमिलनाडु में दक्षिण काशी है। ‘काशी-कांची’ के रूप में दोनों की सप्तपुरियों में अपनी महत्ता है।

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इस मौके पर तमिलनाडु के प्रसिद्ध संगीतकार इलैयाराजा समेत तमाम जानी-मानी हस्ती मौजूद हैं। “काशी तमिल संगमम समारोह एक माह तक चलेगा। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में ‘काशी-तमिल संगमम’ का आयोजन किया जा रहा है। इससे दक्षिण का उत्तर से अद्भुत संगम हो रहा है। सहस्त्राब्दियों पुराना संबंध फिर से नवजीवन पा रहा है। यह आयोजन आज़ादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री जी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को जीवित कर रहा है।
