(Navratri festival maa Durga 9 days devotees celebrate worship) : आज से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो गई है। पूरे देश में खुशी का माहौल है। माता के मंदिरों को खूब सजाया गया है। 15 दिनों तक श्राद्ध पक्ष की वजह से बाजार में छाई सुस्ती के बाद आज रौनक लौट आई है। सोशल मीडिया पर भी नवरात्रि की शुभकामनाएं और बधाइयों का संदेश जारी है। देश में उत्साह, उमंग, उल्लास और हर्ष का वातावरण है। यह शक्ति की आराधना का पर्व है। इस बार माता हाथी पर सवार होकर आई हैं। पौराणिक कथा के अनुसार महिषासुर नाम के राक्षस को जब सभी देवता भी मिलकर हरा नहीं पा रहे थे तब सबने ब्रह्माजी के कहने पर अपने-अपने तेज से एक शक्ति प्रकट की। ये शक्ति थीं देवी दुर्गा। सारे देवताओं ने अपने-अपने शस्त्र भी दिए। इन शस्त्रों से देवी दुर्गा ने महिषासुर को मारा। सोमवार से शारदीय नवरात्रि शुरू होकर 4 अक्टूबर तक रहेगी। इस बार कलश स्थापना के लिए 3 शुभ मुहूर्त हैं। चित्रा नक्षत्र और वैधृति नाम का अशुभ योग भी नहीं होने से स्थापना के लिए ज्यादा समय मिलेगा। इसी के साथ पितृ विसर्जन का समापन भी हो जाता है। सोमवार 26 सितंबर से शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। जिसे लेकर माता के मंदिरों को सजाने संवारने का काम शुरू हो गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को शारदीय नवरात्रि का आरंभ होता है। हिंदू धर्म में नवरात्रि तिथि का विशेष महत्व है। नौ दिन का यह पर्व शक्ति से भरपूर होता है। मां दुर्गा के भक्तों के लिए यह दिन विशेष होता है। हिंदू धर्म में भी शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है। शारदीय नवरात्रि में देश में माता के जयकारे गूंजते हैं। नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नौ दिनों तक भक्त व्रत और उपवास करते हैं और श्रद्धा भाव से माता का पूजन करते हैं। मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त कलश स्थापना भी करते हैं। मां दुर्गा इस दिन भक्तों के घर आती हैं ऐसे में शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ स्वास्तिक बनाएं और दरवाजे पर आम और अशोक के पत्ते का तोरण लगाएं। 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाएगी और 4 अक्टूबर तक रहेंगी। इस बार कलश स्थापना के लिए 3 शुभ मुहूर्त हैं। इस शक्ति पर्व के दौरान तिथि, वार, नक्षत्र और ग्रहों से मिलकर दो सर्वार्थसिद्धि, एक द्विपुष्कर और तीन रवियोग बनेंगे। चित्रा नक्षत्र और वैधृति नाम का अशुभ योग भी नहीं होने से स्थापना के लिए ज्यादा समय मिलेगा। मां दुर्गा के नाम की अखंड ज्योति रखी जाती है। इस दौरान लोग मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा करते हैं। इस नवरात्रि में कोई भी तिथि नहीं घट रही है। इसलिए ये पर्व पूरे नौ दिनों का रहेगा। इनमें खास तिथियां जैसे दुर्गाष्टमी 3 अक्टूबर, महानवमी 4 अक्टूबर और दशहरा 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा। बता दें कि नवरात्रि पर सभी तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। घटस्थापना के साथ ही नवरात्रि की शुरुआत होती है। पहले दिन मां शैलपुत्री तो दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, तो पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा होती है। छठे दिन मां कात्यायनी एवं सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। आठवें दिन महागौरी तो नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।