आज बात करेंगे एशिया के देश इंडोनेशिया की। यह दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या वाला देश है। लेकिन सबसे खास बात यह है कि इस मुस्लिम देश में भी प्राचीन समय से हिंदू सभ्यता और संस्कृत की भी झलक देखने को मिलती है। इस देश से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का भी नाता है। इसके साथ इंडोनेशिया में रामायण का मंचन भी हर साल आयोजित किया जाता है। आज इस देश ने भारत का एक बार फिर ध्यान खींचा । बता दें कि इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती सुकर्णोपुत्री ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है। उन्होंने देश के सबसे ज्यादा हिंदू आबादी वाले स्टेट बाली में एक सेरेमनी ‘सुधी वादानी’ के दौरान नया धर्म स्वीकार किया। वो काफी समय से हिंदू धर्म से प्रभावित रही हैं। कई बार उन्होंने हिंदुओं के सार्वजनिक समारोह में भी हिस्सा लिया है। कई बार वो हिंदू धर्म के धार्मिक प्रमुखों के साथ बातचीत करती भी दिखाई दी हैं।सुकमावती सुकर्णो की तीसरे नंबर की बेटी हैं। मंगलवार को ही सुकमावती का 70वां जन्मदिन भी था। सुकमावती के वकील का कहना है कि सुकमावती को हिंदू धर्म की व्यापक समझ हैै। वे हिंदू धर्मशास्त्र के सभी सिद्धांतों और अनुष्ठानों की भी समझ रखती हैं। गौरतलब है कि सुकमावती पर तीन साल पहले इस्लाम की निंदा के आरोप लगे थे। साल 2018 में सुकमावती को विवाद भी झेलना पड़ा था। उन पर आरोप था कि उन्होंने ऐसी कविता कही है जिसके चलते इस्लाम का अपमान हुआ है। इसके बाद इंडोनेशिया के कट्टरपंथी मुस्लिम समूह इस मामले में एक्टिव हो गए थे और उन्होंने सुकमावती के खिलाफ ईशनिंदा का केस दर्ज करा दिया था। सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, मामले के तूल पकड़ने के चलते सुकमावती ने इस केस में माफी भी मांगी थी।
दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिमों की आबादी इंडोनेशिया में है–
गौरतलब है कि इंडोनेशिया में इस्लाम सबसे बड़ा धर्म है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में शायद दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है। दुनिया की कुल मुस्लिम आबादी का करीब 12.7% हिस्सा यहां रहता है। हालांकि इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर बड़ी संख्या में हिंदू भी रहते हैं और यहां बहुत सारे मंदिर बने हैं। इनमें रामायण का मंचन भी होता है। वहीं हिंदू धर्म इंडोनेशिया के छह आधिकारिक धर्मों में से एक है और भारत, नेपाल और बांग्लादेश के बाद दुनिया में हिंदुओं की चौथी सबसे बड़ी आबादी इंडोनेशिया में ही है। इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर बड़ी संख्या में हिंदू रहते हैं। यहां कई मंदिरों को भी देखा जा सकता है और दूर-दूर से श्रद्धालु इन मंदिरों में पूजा-अर्चना करने आते हैं। इंडोनेशिया के दूसरे सबसे बड़े इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन मुहम्मदिया के जनरल सेक्रेटरी अब्दुल मुफ्ती ने कहा कि वह सुकमावती के फैसले का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि यह सुकमावती का अपना फैसला है। उन्होंने हिंदुत्व को चुना है। उम्मीद है कि अब वह शांति और खुशी महसूस करेंगीं। दूसरी ओर सुकमावती के इस फैसले के बाद भारत में हिंदू संगठनों ने खुशी जताई है।