उत्तराखंड की योग और धार्मिक नगरी ऋषिकेश से रविवार, 23 जुलाई को 12 ज्योतिर्लिंग की रामकथा यात्रा विशेष ट्रेन हुई । 1008 श्रद्धालु चित्रकूट भारत गौरव यात्रा ट्रेन में सवार होकर तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए रवाना हुए। भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) के सहयोग से आयोजित भारत गौरव यात्रा के तहत रामकथा यात्रा विशेष ट्रेन ऋषिकेश से रवाना हुई। कथावाचक मोरारी बापू ने कहा कि यात्रा भारत और भारतीयता को जोड़ने की यात्रा है। उन्होंने कहा कि आगामी 28 दिनों में हम इस विशेष से ट्रेन में भगवान राम की पुण्य कथा के साथ 12 ज्योतिर्लिंग व तीन धामों की यात्रा करेंगे। योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर राम कथा यात्रा विशेष ट्रेन को प्रख्यात राम कथा वाचक मोरारी बापू, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, महापौर अनीता ममगाई, डीआरएम मुरादाबाद राजकुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर किया। इससे पूर्व प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में द्वादश ज्योतिर्लिंग की यात्रा केदारनाथ धाम से शुरू हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि यहां से आगे का सफर विशेष रेल से तय होगा। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने सबको जोड़ने का संदेश दिया है। इस यात्रा के माध्यम से हम भारत को जोड़ने की कोशिश करेंगे। इस यात्रा में पूरे भारत के लगभग सभी प्रांतों के लोग एक परिवार के रूप में शामिल हो रहे हैं। यह यात्रा वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देगी, तो हमेशा भारत की भावना रही है। हम इस यात्रा में जगन्नाथ धाम, तिरुपति तथा द्वारका पूरी के दर्शन करेंगे। यह यात्रा निश्चित रूप से एक नया संदेश देने का काम करेगी। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि मुरारी बापू ने राम कथा के माध्यम से देश और दुनिया को नई राह दिखाने का काम किया है राम कथा यात्रा का यह प्रयास सार्थक सिद्ध होगा महापौर अनीता मंगाई है कहा कि राम कथा यात्रा की शुरुआत योग नगरी ऋषिकेश से हो रही है यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है।
तीर्थनगरी ऋषिकेश से शुरू हुई ज्योतिर्लिंगों की रामकथा यात्रा आठ राज्यों से होकर गुजरेगी ज्योतिर्लिंगों के अलावा श्रद्धालु जगन्नाथ पुरी, द्वारका और तिरुपति बालाजी के भी दर्शन करेंगे। 18 दिनों की इस यात्रा का समापन मोरारी बापू के गांव तलगाजरडा में होगा इस बीच महाराष्ट्र और गुजरात में बापू कथा भी करेंगे। मोरारी बापू ने रेल यात्रा से जुड़ी से इस रामकथा को मानस 900 नाम भी दिया है।