कुंडा सीट पर सपा का सियासी दांव, अखिलेश ने राजा भैया के खिलाफ करीबी को ही उतारा मैदान में - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
April 25, 2025
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उत्तर प्रदेश राजनीतिक

कुंडा सीट पर सपा का सियासी दांव, अखिलेश ने राजा भैया के खिलाफ करीबी को ही उतारा मैदान में

-पंडित शंभू नाथ गौतम

उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल चरम पर है। चुनाव आयोग की बंदिशों के बाद भी नेताओं ने डिजिटल और घर-घर जाकर प्रचार करना शुरू कर दिया है। ‌ आज आपको यूपी की एक ऐसी विधानसभा सीट के बारे में बताने जा रहे हैं जो पिछले तीन दशक से सबसे अधिक चर्चा में रही है। ‌हम बात कर कर रहे हैं प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट का। आप लोगों ने सुना ही होगा कुंडा का नाम। 1991 में यहां पर भारतीय जनता पार्टी के शिव नारायण मिश्र ने जीत हासिल की थी। ‌उसके बाद साल 1993 में हुए उपचुनाव में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पहली बार निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़े, और भारी वोटों से जीते भी थे। ‌तीन दशकों से कुंडा सीट पर राजा भैया का निर्दलीय के रूप में जीतने का एकछत्र राज रहा है। ‌राजा भैया कल्याण सिंह से लेकर राजनाथ सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। ‌उसके बाद मुलायम सिंह, अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल में भी वे मंत्री बने। लेकिन इस बार रघुराज प्रताप सिंह अपनी परंपरागत सीट कुंडा पर जीतने के लिए गांव-गांव जाना पड़ रहा है। इस बार राजा भैया अपनी ही पार्टी ‘जनसत्ता दल’ से चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि पिछले कुछ महीनों से उनके और अखिलेश यादव के बीच तकरार ने राजा भैया के कुंडा विधानसभा सीट के समीकरण बिगाड़ दिए हैं। ‌मंगलवार को सपा ने जारी की गई अपनी दूसरी लिस्ट में एक समय राजा भैया के ही करीबी रहे गुलशन यादव को अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा है। पिछले 15 सालों से सपा ने राजा भैया से अच्छे रिश्तों की वजह से कुंडा सीट से अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था, लेकिन इस बार सपा ने अपना प्रत्याशी उतारकर राजा भैया की राह कठिन कर दी है। ‌ 

कुंडा से सपा प्रत्याशी गुलशन ने राजनीतिक पारी की शुरुआत राजा भैया के साथ ही की थी–

बता दें कि सपा प्रत्याशी गुलशन यादव कुंडा के गांव मऊदारा के रहने वाले हैं। गुलशन के छोटे भाई छविनाथ यादव मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी प्रतापगढ़ के जिला अध्यक्ष भी हैं। गुलशन यादव ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत राजा भैया के सानिध्य में ही की थी। उसके बाद वह मऊदारा गांव के प्रधान बन गए। ‌ उसके बाद गुलशन साल 2011 में कुंदा के चेयरमैन भी बने। साल 2013 सपा सरकार में कुंडा के डीएसपी जिया उल हक की हत्या के मामले में राजा भैया के साथ-साथ गुलशन यादव का भी नाम आया था । हालांकि सीबीआई ने बाद में उन्हें क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद कुंडा में राजा के करीबी पुष्पेंद्र सिंह पर जानलेवा हमले के मामले में गुलशन यादव को गिरफ्तार किया गया था और इसी मामले में पिछले 4 साल तक जेल में बंद रहे, लेकिन जेल से बाहर आने के बाद सियासी तौर पर सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश में साल 2017 में योगी सरकार आने के बाद राजा भैया और सपा की दूरी बढ़ने लगी । उसके बाद रघुराज प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल बना ली। जिसके बाद गुलशन यादव अखिलेश यादव के साथ आ गए। कभी राजा भैया के करीबी रहे गुलशन यादव इस बार सपा के टिकट पर कुंडा से उनके खिलाफ ताल ठोकने जा रहे हैं। राजा भैया के लिए इस बार कुंडा की सीट से लड़ाई गुलशन यादव से ही होने जा रही है। 

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