पिछले कई दिनों से सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज हैं। 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में ओमप्रकाश राजभर ने एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को वोट डाला था। इसके बाद राजभर अखिलेश यादव की दूरियां और बढ़ गई। अखिलेश से बढ़ती दूरियों के बीच ही योगी सरकार ने ओमप्रकाश राजभर को पिछले दिनों “वाई कैटेगरी” की सुरक्षा भी प्रदान कर दी । वाई कैटेगरी की सुरक्षा मिलने के बाद ओम प्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को “थैंक्यू” कहा था। उसके बाद ही लगने लगा था कि राजभर अब भाजपा के करीब आ चुके हैं। उधर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आज राजभर को सीधे तौर पर अलग होने के लिए कह दिया । अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी की ओर से ओमप्रकाश राजभर को पत्र जारी किया गया है। सपा की ओर से जारी किए गए पत्र में लिखा है,” श्री ओम प्रकाश राजभर जी समाजवादी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है।
आपका भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ है और लगातार भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं” । वहीं पिछले कई महीनों से अखिलेश और शिवपाल यादव के बीच बीच तनातनी चली आ रही है। आज अखिलेश यादव ने भी चाचा शिवपाल सिंह यादव को भी स्वतंत्र कर दिया। सपा की ओर से जारी किए गए पत्र में कहा, “शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वंतत्र हैं” । इसके बाद उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। अखिलेश के जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने भी मोर्चा खोल दिया है। “ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि इस तलाक को मंजूर करते हैं आगे इसका जवाब देंगे”। सपा की ओर से जारी की गई इस चिट्ठी के बाद अब लगभग तय हो गया है ओमपुरा राजभर और अखिलेश यादव की राहें अलग हो गई हैं। ऐसे ही भतीजे अखिलेश और शिवपाल यादव भी अब एक बार फिर से अलग-अलग सियासी राह पर चलने के लिए तैयार हैं। हालांकि ओमप्रकाश राजभर किस पार्टी के साथ आगे का सफर शुरू करेंगे स्पष्ट नहीं, इन सबके बीच अटकलों का दौर जारी है।