आगराः चिलचिलाती धूप में राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए श्रीनाथ निशुल्क जल सेवा की प्याऊओं का संचालन इस वर्ष भी किया जा रहा है। शहर के विभिन्न चौराहों पर 28 प्याऊ जल सेवा कर रही हैं। जल सेवा के प्रमुख बांकेलाल माहेश्वरी ने बताया कि एक प्याऊ एमजी रोड पर इमरजेंसी के बाहर लगाई गई है। इसके अलावा मानसिक आरोग्य संस्थान, साईं का तकिया सहित 28 स्थानों पर प्याऊ का संचालन हो रहा है। हर साल करीब 40 प्याऊ लगाई जाती थी, लेकिन इस बार कोरोना काल में आर्थिक प्रभाव पड़ा है, अतः 28 प्याऊ ही लगाई गई हैं। आंवलखेड़ा में भी एक प्याऊ संचालित है। शुद्ध व शीतल जल से जल सेवा ने शहर में एक विश्वास बना लिया है। इन प्याऊओं पर गरीब व विधवाओं को चार महीने के लिए रोजगार भी मिल जाता है। जल सेवा से लंबे समय से जुड़े राजन किशोर, ब्रज खंडेलवाल, जुगल किशोर आदि ने सभी उदारमना लोगों से अधिक से अधिक सहयोग की अपील भी की है।
रेलवे दुर्घटना के बाद शुरू हुई सेवा–
माहेश्वरी ने बताया कि राजामंडी रेलवे स्टेशन पर 40 साल पहले ट्रेन दुर्घटना गर्मियों में ही हुई थी। तब घायल और उनके तीमारदारों के लिए जल सेवा उनके द्वारा की गई थी। उसके बाद राजामंडी रेलवे स्टेशन पर प्याऊ लगाई। फिर तो शहर भर में प्याऊ संचालन का सिलसिला शुरू हो गया। इस सेवा ने शहर में एक मुकाम हासिल कर लिया है।
एक जैसी प्याऊ
जल सेवा की सभी प्याऊओं पर एक जैसा कलर और डिजाइन होता है। ताकि राहगीरों को विश्वास हो जाए कि शुद्ध और शीतल जल मिलेगा। सभी प्याऊओं पर सबमर्सिबल का जल ही प्रयोग किया जाता। जहां यह व्यवस्था होती है, वहीं पर यह जल सेवा की जाती है।
अन्य सेवा कार्य भी
श्रीनाथ निश्शुल्क जल सेवा द्वारा शीतकाल में रैन बसेरे लगाए जाते हैं। इसके अलावा मानसिक आरोग्य संस्थान में पूरे साल रैन बसेरे की व्यवस्था है। वृंदावन व गोवर्धन में भी संतों के लिए सेवा कार्य किए जाते हैं।