Sanjiv Jeeva Murder : कोर्ट में शूट आउट : माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर की कोर्ट परिसर में पुलिस कस्टडी में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, वकील की ड्रेस पहन कर आए थे हत्यारे, वारदात के बाद अदालत में मची अफरा-तफरी, देखें वीडियो - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
September 14, 2025
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Sanjiv Jeeva Murder : कोर्ट में शूट आउट : माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर की कोर्ट परिसर में पुलिस कस्टडी में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, वकील की ड्रेस पहन कर आए थे हत्यारे, वारदात के बाद अदालत में मची अफरा-तफरी, देखें वीडियो

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का कोर्ट परिसर बुधवार दोपहर गोलियों तड़तड़ाहट से थर्रा गया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया और मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव जीवा माहेश्वरी की लखनऊ कैसरबाग स्थित कोर्ट में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई है। इस हत्याकांड में हैरान करने वाली बात यह है कि हमलावरों ने वारदात को कोर्ट परिसर में अंजाम दिया है। हत्यारे वकील की ड्रेस पहनकर आए थे। उन्होंने ताबड़तोड़ गोलियां दागीं और मौके से भाग निकले। वारदात के बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जीवा को देखा तो वो मृत था। जीवा ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड का मुख्य आरोपी था।

माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर की गोली मारकर हत्या


उसे मौके से गिरफ्तार कर लिया गया है। फायरिंग में एक बच्ची और पुलिसकर्मी को भी गोली लगी है। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है। कोर्ट में हत्या की वारदात के बाद वकील आक्रोशित हो गए। पुलिस से धक्का-मुक्की की। कई पुलिसकर्मी को बाहर निकाल दिया और गेट बंद कर दिया। जीवा मुख्तार अंसारी का करीबी था। वह लखनऊ जेल में बंद था। हाल ही में प्रशासन ने उसकी संपत्ति भी कुर्क की थी। जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला था। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाने में कंपाउंडर की नौकरी करता था। बाद में उसी दवाखाने के मालिक को ही अगवा कर लिया।


संजीव फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था। अपराध की दुनिया में संजीव के कदम रखने की बात की जाए तो उसने सबसे पहले 90 के दशक में अपना वर्चस्व बनाना शुरू किया था। इसके बाद उसने आम लोगों के साथ-साथ पुलिस और प्रशासन में भी अपनी आतंक फैलाना शुरू कर दिया। संजीव अपने जीवन के शुरुआती जीवन में कंपाउंडर था।

नौकरी करते वक्त ही उसके मन में अपराध ने जन्म ले लिया और संजीव ने दवाखाना संचालक का ही अपहरण कर लिया। जीवा ने कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे को किडनैप कर लिया। इस वारदात को अंजाम देने के बाद उसने फिरौती के एवज में दो करोड़ रुपए की मांग की। दो करोड़ मांगना उस समय सबसे बड़ी बात हुआ करती थी।

हमलावर विजय यादव

संजीव जीवा का नाम 10 फरवरी 1997 को हुई बीजेपी नेता ब्रम्ह दत्त द्विवेदी की हत्या में भी सामने आया था। इस हत्याकांड में जीवा को उम्रकैद की सजा हुई थी। इस बड़ी वारदात के बाद वह मुन्ना बजरंगी गैंग में शामिल हो गया था। इस दौरान उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ। बताया जाता है कि मुख्तार अंसारी को नए-नए हथियारों का शौक था। संजीव जीवा अपने तिकड़म से इन हथियारों को जुगाड़ने में माहिर था। उसकी इस खासियत के कारण ही संजीव को मुख्तार का संरक्षण मिल गया। इसके बाद जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी सामने आया था।

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