कांग्रेस नेता आगे की रणनीति और बदलाव के लिए पूरे ‘फ्रेश मूड’ में तीन दिनों के लिए झीलों की नगरी राजस्थान के उदयपुर पहुंचे हुए हैं। उदयपुर में कांग्रेस का आज से चिंतन शिविर शुरू हो गया है। इसके लिए राजस्थान की गहलोत सरकार ने पूरे शहर को बैनर, पोस्टरों से पाट दिया है। कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में लगातार मिल रही करारी हार के बाद कांग्रेस के लिए मौजूदा समय में पार्टी को एकजुट करने के लिए यह ‘मंथन’ बहुत जरूरी भी है। अगर हम ज्यादा पीछे नहीं जाए साल 2019 से शुरू करें तो कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव के बाद अब तक हुए दर्जनों राज्यों में करारी हाल मिल चुकी है । 2 महीने पहले हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की बुरी हार हुई है। संगठन में बदलाव को लेकर पार्टी का ‘जी23 गुट’ दो साल से विरोध करता चला आ रहा है। जिसमें गुलाम नबी, आजाद कपिल सिब्बल मनीष तिवारी आदि नेता हैं। पार्टी में नई नीतियां, इस साल के आखिर में होने वाले गुजरात, हिमाचल प्रदेश में विधानसभा और साल 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस झीलों की नगरी उदयपुर में मंथन करने के लिए पहुंची है। अगर हम हाल के वर्षों में बात करें तो कांग्रेस ने संगठन में बदलाव और नई रणनीति के लिए कई बार मंथन किया लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला, हालात जस के तस रहे। बता दें कि कांग्रेस पिछले आठ सालों से केंद्र की सत्ता से बाहर है और देश के दो राज्यों में ही उसके मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में तमाम युवा नेता पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं। ऐसी स्थिति में कांग्रेस ने उदयपुर में चिंतन शिविर कर रही है, जहां 2024 चुनाव के लिए जीत का मंत्र तलाशेगी। इसके लिए राजस्थान की झीलों की नगरी उदयपुर में कांग्रेस नेताओं का जमघट लगा है। पार्टी ने इसे ‘नव संकल्प चिंतन शिविर’ का नाम दिया है। वहीं राजधानी दिल्ली से चेतक एक्सप्रेस ट्रेन में सवार होकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता पार्टी के चिंतन शिविर में शामिल होने उदयपुर पहुंचे हैं। राहुल के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और कई अन्य नेता ट्रेन से पहुंचे हैं। राहुल के ट्रेन से पहुंचने पर कांग्रेसियों ने इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर भी शेयर की है। इनके अलावा सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भी उदयपुर पहुंचीं हुई हैं। तीन दिवसीय चिंतन शिविर की शुरुआती भाषण कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिया। सोनिया ने कहा कि पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब कर्ज उतारने का समय है। उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार देश में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही है।अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है। धर्म के नाम पर पॉलराइजेशन किया जा रहा है। गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लंबे समय से राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि हर वर्ग का नेता, कार्यकर्ता और हर कमेटी के लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान संभालें। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बन जाना चाहिए।


13 से 15 मई तक चलने वाले कांग्रेस में चिंतन शिविर के दौरान नेता तीन दिन तक अलग-अलग मुद्दों पर चिंतन-मंथन करेंगे और पार्टी के पुनरुद्धार की राह तलाशेंगे। इस तीन दिवसीय चिंतन शिविर में देखना होगा कि कांग्रेस क्या नया बदलाव करेगी? शिविर को लेकर पार्टी के कार्यकर्ता एक बार फिर से नई उम्मीद लगाए हुए हैं।