आज देश के बहादुर जवानों को भारतीय सेना दिवस के अवसर पर नमन है। देश और उसके नागरिकों की रक्षा करते हुए शहीद हुए जवानों के बलिदान को याद करने का भी दिन है। आज भारतीय सेना दिवस (आर्मी डे) है । हर साल 15 जनवरी को यह दिवस मनाया जाता है। भारतीय सेना 74वां आर्मी डे मना रही है। आइए जानते हैं इस दिवस को मनाने की शुरुआत कब से हुई थी। भारतीय आर्मी का गठन 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था। इस सेना पर देश की आजादी से पहले ब्रिटिश कमांडर का कब्जा था। साल 1947 में जब देश आजाद हुआ, तब भी भारतीय सेना का अध्यक्ष ब्रिटिश मूल का ही होता था। 2 साल बाद 15 जनवरी 1949 में आजाद भारत के आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर ने भारतीय सेना की कमान भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा को सौंपी। यह भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है।
सेना दिवस पर जनरल करियप्पा के साहस व पराक्रम को याद किया जाता है–
एम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सैन्य कमांडर बने। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में उन्होंने ही भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। बाद में करियप्पा फील्ड मार्शल भी बने। करियप्पा 1953 में सेना से रिटायर हुए। बाद में उन्होंने 1956 तक ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भारत के उच्चायुक्त के रूप में काम किया। भारत सरकार ने उन्हें 1986 में ‘फील्ड मार्शल’ के पद से सम्मानित किया। फील्ड मार्शल करियप्पा का 15 मई, 1993 को निधन हो गया। इसलिए 15 जनवरी को हर साल भारतीय सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। आज आर्मी दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना, उसके सैनिकों और उनके परिजनों को बधाई दी है। उन्होंने ट्विटर पर किए अपने ट्वीट में कहा है कि मैं सेना दिवस के अवसर पर विशेष रूप से हमारे सभी साहसी सैनिकों, सम्मानित पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को सेना दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देता हूं। बता दें कि आज के समय में यूएस और चीन के बाद इंडियन आर्मी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मिलिट्री कंटिंजेंट है। देशभर में इंडियन आर्मी के 53 कैंटोनमेंट और नौ आर्मी बेस हैं।