गौरवशाली दिन: नौसेना को मिला नया ध्वज, 25 साल बाद फिर ताकत के रूप में लौटा "आईएनएस विक्रांत" समुद्र में चलता-फिरता शहर से कम नहीं, देखें वीडियो - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
September 7, 2025
Daily Lok Manch
राष्ट्रीय

गौरवशाली दिन: नौसेना को मिला नया ध्वज, 25 साल बाद फिर ताकत के रूप में लौटा “आईएनएस विक्रांत” समुद्र में चलता-फिरता शहर से कम नहीं, देखें वीडियो

(#INSVikrant relaunched) : आज देश के लिए बहुत ही गौरवशाली और बड़ा दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केरल के कोच्चि में भव्य आयोजन के बीच भारतीय नौसेना को सबसे ताकतवर “आईएनएस (INS) विक्रांत” सौंपा। इसके साथ ही नौसेना के पास अब दो एयरक्राफ्ट कैरियर हो गए हैं। INS विक्रांत के अलावा INS विक्रमादित्य भी भारत के पास है। INS विक्रांत के आने से हिंद महासागर में भारत की ताकत बढ़ गई है। साथ ही एक और बड़ा बदलाव हुआ। “नेवी को नया नौसेना ध्वज सौंपा गया। इसमें से अंग्रेजों की निशानी क्रॉस का लाल निशान हटा दिया गया है। अब इसमें तिरंगा और अशोक चिह्न है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने महाराज शिवाजी को समर्पित किया”। पीएम मोदी ने इसे नौसेना में शामिल करते हुए कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत अभियान की झलक है। पीएम ने कहा कि आज भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जो स्वदेशी रूप से इतने बड़े युद्धपोत बना सकते हैं, विक्रांत ने नया आत्मविश्वास जगाया है। आईएनएस विक्रांत के दोबारा आने पर भारतीय नौसेना विराट और विशाल के साथ और ताकतवर हो गई है। यह युद्ध पोत स्वदेशी तकनीक से बना है। ‌भारत के समुद्री इतिहास का ये अब तक का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर है। भारत इस तरह का पोत बनाने का दुनिया के चुनिंदा छह देशों में शामिल हो गया है। “कोचीन शिपयार्ड में 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार आईएनएस विक्रांत को आप समंदर में चलता फिरता शहर कह सकते हैं।‌ इसका डेक ही दो बड़े फुटबॉल मैदान जितना बड़ा है। इसमें 30 जंगी विमान और हेलीकॉप्टर रखे जा सकते हैं। इसमें 16 बेड का अस्पताल है।‌ 1700 नौसैनिक यहां रह सकते हैं’।‌‌ इससे निर्माण जितने लोहे का इस्तेमाल हुआ है उससे चार एफिल टॉवर का निर्माण हो सकता है।

यह भी पढ़ें– पेपर लीक मामले में आयोग के सचिव को तत्काल प्रभाव से किया गया सस्पेंड, आदेश जारी

43 हजार टन वजनी ये जहाज एयरक्राफ्ट कैरियर है, जो पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बना है। अमेरिका, यूके, रूस, चीन और फ्रांस के बाद भारत भी अब उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिनमें स्वदेशी तकनीक से एयरक्राफ्ट कैरियर को बनाने की क्षमता है। INS विक्रांत की 76% चीजें भारत में बनीं हैं। इसमें 2200 कंपार्टमेंट हैं और एक बार में 1600 से ज्यादा नौसैनिक रह सकते हैं। INS विक्रांत के आने से हिंद महासागर में भारत की ताकत और बढ़ गई है। बता दें कि 25 साल पहले 31 जनवरी 1997 को नेवी से रिटायर हुए INS विक्रांत का आज करीब 25 साल बाद पुनर्जन्म हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सबसे बड़े युद्धपोत को नौसेना के हवाले कर दिया। साल 1971 की जंग में INS विक्रांत ने अपने सीहॉक लड़ाकू विमानों से बांग्लादेश के चिटगांव, कॉक्स बाजार और खुलना में दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर दिया था।

Related posts

केंद्र सरकार ने लोकसभा में 12 घंटे चली बहस के बाद वक्फ संशोधन विधेयक पारित किया, विपक्ष ने किया विरोध, आज राज्यसभा में पेश होगा

admin

आज यह रहेंगी प्रमुख खबरों की सुर्खियां

admin

VIDEO Team India celebrate Holi 2023 : बस में सफर के दौरान टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने की होली की जमकर मस्ती, पूर्व कप्तान विराट कोहली बनियान पहनकर ही डांस करने लगे, एक दूसरे पर खूब उड़ाए गुलाल, देखें वीडियो

admin

Leave a Comment