स्वामी विवेकानंद की जयंती पर राष्ट्रपति, पीएम मोदी, सीएम योगी और धामी ने किया नमन, राष्ट्रीय युवा दिवस पर युवाओं ने महान आध्यात्मिक संत के विचारों को किया आत्मसात् - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
March 10, 2025
Daily Lok Manch
धर्म/अध्यात्म राष्ट्रीय

स्वामी विवेकानंद की जयंती पर राष्ट्रपति, पीएम मोदी, सीएम योगी और धामी ने किया नमन, राष्ट्रीय युवा दिवस पर युवाओं ने महान आध्यात्मिक संत के विचारों को किया आत्मसात्



भारत के महान आध्यात्मिक संत स्वामी विवेकानंद की जयंती आज पूरे देश भर में धूमधाम के साथ मनाई जा रही है। वहीं आज राष्ट्रीय युवा दिवस भी है। राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद की जयंती पर मनाया जाता है। विवेकानंद के विचार आज ही देश के करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। जयंती पर आज राष्ट्रपति प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री समेत तमाम नेताओं ने विवेकानंद को याद करते हुए नमन किया है। ‌वहीं, आज स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी शिक्षाएं युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने और बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित करती हैं। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें मेरा नमन। एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व जिसने आध्यात्मिकता व देशभक्ति को जोड़ा और विश्व स्तर पर भारतीय मूल्यों का प्रचार किया। उनका जीवन और शिक्षाएं युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने और बड़े लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रेरित करती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, ‘स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर सादर नमन। उनका जीवन राष्ट्रभक्ति, आध्यात्मिकता और कर्मठता के लिए सदैव प्रेरित करता है। उनके महान विचार और आदर्श देशवासियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी आज शाम लगभग चार बजे कर्नाटक के हुबली में 26वें राष्‍ट्रीय युवा महोत्‍सव का उदघाटन करेंगे। इस वर्ष महोत्‍सव का विषय ‘विकसित युवा-विकसित भारत’ है। ये कार्यक्रम राष्‍ट्रीय युवा दिवस पर आयो‍जित किया जाता है जो स्‍वामी विवेकानंद की जंयती पर उनके विचारों, शिक्षा और योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है। राष्‍ट्र के प्रतिभावान युवाओं को सशक्‍त और राष्‍ट्र निर्माण की ओर प्रेरित करना महोत्‍सव का प्रमुख उद्देश्‍य है। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, विवेकानंद जी जातिवाद व सामाजिक आडंबरों के प्रखर आलोचक व सामाजिक समरसता के पक्षधर थे। उन्होंने युवाओं में राष्ट्र चेतना जागृत करने के साथ आधुनिकता से अध्यात्म को जोड़ने के विचार दिए। उनका असीम ज्ञान व प्रेरक विचार युगों-युगों तक युवाओं के लिए प्रेरणा का एक केंद्र बने रहेंगे।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर लिखा, गर्व से कहो- हम हिंदू हैं.’ सनातन संस्कृति व भारतीय अध्यात्म परंपरा को वैश्विक क्षितिज पर पुनर्स्थापित करने वाले महान संन्यासी, युवाओं के आदर्श, स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। सभी युवा साथियों को ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति को वैश्विक पटल पर गौरवान्वित करने वाले, युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर शत्-शत् नमन एवं समस्त युवाओं को राष्ट्रीय युवा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। स्वामी विवेकानंद जी के विचार चिरकाल तक समाज को प्रेरित करते रहेंगे।


स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था–


स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को बंगाल के कोलकाता में हुआ था। उनका असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था और बाद में उनका नाम स्वामी विवेकानंद पड़ा। वे वेदांत के विख्यात और प्रभावी आध्यात्मिक गुरु भी थे। केवल 25 साल की उम्र में ही वे सांसारिक मोह माया का त्याग कर संयासी बन गए। बता दें कि देश में साल 1984 में इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया गया था। 1985 से प्रति वर्ष देश 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मना रहा है। स्वामी विवेकानंद को धर्म, दर्शन, इतिहास, कला, सामाजिक विज्ञान, साहित्य के ज्ञाता कहा जाता है। शिक्षा के साथ ही वे भारतीय शास्त्रीय संगीत का भी ज्ञान रखते थे। उनके विचार और कार्य आज के समय में भी युवाओं के लिए प्रेरणा है। विवेकानंद ने कई मौकों पर अपने अनमोल और प्रेरणादायक विचारों से युवाओं को प्रोत्साहित किया है। यही कारण है कि स्वामी विवेकानंद की जयंती के दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। बता दें कि 11 सितंबर 1893 में अमेरिका में धर्म संसद के आयोजन में स्वामी विवेकानंद ने अपने भाषण में हिंदी में कहा ‘अमेरिका के भाइयों और बहनों’ उनके यह कहते ही आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में पूरे दो मिनट तक तालियां बजती रही। इसे भारत के इतिहास में गर्व और सम्मान की घटना के तौर जाना जाता है। स्वामी विवेकानंद ने साल 1897 में कोलकाता में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की और 1898 में गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी। मृत्यु से दो वर्ष पहले 1900 में जब स्वामी विवेकानंद यूरोप से आखिरी बार भारत आए तो बेलूर की ओर चल पड़े। क्योंकि वे अपने शिष्यों के साथ समय बिताना चाहते थे। यह उनके जीवन का आखिरी भ्रमण था। 4 जुलाई 1902 को उन्होंने अंतिम सांस ली। आज भी देश में स्वामी विवेकानंद के विचार युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।

https://twitter.com/myogiadityanath/status/1613340348788666368?t=B8ZoMllbsIkz4qrQQou6ZA&s=19

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