राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तराखंड अपने दौरे के दूसरे दिन मसूरी पहुंचीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आईएएस अकादमी के संपूर्णानंद ऑडिटोरियम में 97 फाउंडेशन कोर्स के 455 प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी को देश के लिए बेहतर प्रशासनिक अधिकारी दिए जाने को लेकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि सभी प्रशिक्षु आईएएस से मिलकर उन्हें आज भारत की विविधता में एकता का प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिल रहा है और यही फाउंडेशन कोर्स का मूल मंत्र है। उनको पूरा विश्वास है कि सभी लोग सामूहिक भावना से देश को आगे बढ़ाने के लिये काम करेंगे। प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जब वह उन्हें संबोधित कर रही थीं, तो उनकी स्मृति में सरदार बल्लभ भाई पटेल के शब्द गूंज रहे थे।
अप्रैल 1947 में सरदार पटेल ने आईएएस प्रशिक्षुओं के एक बैच से मिलते समय कहा था कि ‘हमें उम्मीद करनी चाहिए और हमें अधिकार है कि हम हर सिविल सेवक से सर्वश्रेष्ठ की अपेक्षा करें, चाहे वह किसी भी जिम्मेदारी के पद पर हो। राष्ट्रपति ने कहा कि आज हम गर्व से कह सकते हैं कि लोक सेवक इन अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि इस फाउंडेशन कोर्स का मूल मंत्र ‘मैं नहीं, हम हैं’। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस कोर्स के प्रशिक्षु अधिकारी सामूहिक भावना के साथ देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि उनमें से कई आने वाले 10-15 वर्षों तक देश के एक बड़े हिस्से का प्रशासन चलाएंगे और जनता से जुड़ेंगे। वो अपने सपनों के भारत को एक ठोस आकार दे सकते हैं। सुखवा शाम को राष्ट्रपति मुर्मू जौली ग्रांट एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। राजपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें विदा किया।