राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने मंत्रिमंडल के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को शुक्रवार रात मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री गहलोत की सिफारिश को राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंजूर कर लिया। राजेंद्र सिंह गुढ़ा लंबे समय से सीएम गहलोत और सरकार के खिलाफ बयान दे रहे थे। गुढ़ा ने कहा कि राजस्थान में इस बात में सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में विफल हो गए हैं। राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं,ऐसे में हमें मणिपुर के स्थान पर अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। गुढ़ा के इतना कहने पर प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा,सरकार संविधान के तहत सामूहिक जिम्मेदारी से चलती है। हमारे संविधान में लिखा है कि सरकार का एक मंत्री बोलता है तो इसका मतलब पूरी सरकार बोल रही है। मंत्री ने अपनी ही सरकार की कलाई खोल दी,मैं उनको बधाई दूंगा। लेकिन यह शर्मनाक बात है।
बता दें, 2 जुलाई, 2023 को मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी से जयपुर में मुलाकात की थी। इस मुलाकात को लेकर राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा था कि यह मुलाकात सियासत के लिए हुई है और कई सारी बातें हुई हैं। उन्होंने कहा था कि अगर दो राजनीतिक व्यक्ति मिल रहे हैं तो पर वहां पर मौसम की चर्चा नहीं होगी। वहां पर सियासत की चर्चा हुई है। आने वाले दिनों में इसके परिणाम भी दिखेंगे। उन्होंने कहा था कि यहां जो मुलाकात हुई है उसमें विधानसभा चुनाव को लेकर के बातचीत हुई है और अभी कुछ बातें ऐसी भी हैं, जो बताने लायक नहीं है। समय पर बताई जाएंगी।
वहीं दूसरी ओर राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, ‘राजस्थान में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। सिर्फ महिलाओं के प्रति अपराध नहीं, बल्कि छोटी बच्चियों के साथ अपराध की घटनाओं में जिस तरह बढ़ोतरी हुई है वो काफी चिंताजनक है। मंदिरों की ज़मीनों को हड़पने के लिए जिस तरह से हत्याएं की जा रही हैं। कृष्ण भगवान की भूमि को बचाने के लिए साधु-संतों को आत्मदाह करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन सब अपराधों को रोकने के लिए राजस्थान सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है।’

गुढ़ा की ओर से अपनी सरकार पर सवाल उठाए जाने के बाद विपक्षी पार्टी बीजेपी भी गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई थी। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने ट्वीट करते हुए कहा था कि राज्य में बहन-बेटियों के ऊपर हो रहे अत्याचारों व दुष्कर्म की घटनाओं की पोल खुद मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने खोल दी है। उन्होंने आगे कहा, सरकार का मंत्रिमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर काम करता है और एक मंत्री का बयान सरकार का बयान माना जाता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हमारी नहीं तो कम से कम अपने मंत्री के बयान पर तो संज्ञान लें।