प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे केरल के तिरुवनंतपुरम में 8,900 करोड़ रुपये की लागत से बने ‘विझिंजम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज सीपोर्ट’ का उद्घाटन करेंगे। यह भारत का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह है, जो भारत की वैश्विक व्यापार की भूमिका को मजबूत करेगा, लॉजिस्टिक क्षमता बढ़ाएगा और कार्गो ट्रांसशिपमेंट के लिए विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता को कम करेगा। लगभग 20 मीटर की प्राकृतिक गहराई और विश्व के व्यस्ततम समुद्री व्यापार मार्गों के पास स्थित यह पोर्ट रणनीतिक रूप से बेहद अहम है।
केरल के पोर्ट मंत्री वीएन वसावन ने बीते बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री सरबानंद सोनोवाल, केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी और जॉर्ज कुरियन, राज्य मंत्री साजी चेरियन, वी शिवनकुट्टी, जीआर अनिल, विपक्ष के नेता वीडी सतीशन, सांसद शशि थरूर और एए रहीम, तिरुवनंतपुरम की मेयर आर्या राजेन्द्रन और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर भी शामिल होंगे। मंत्री वसावन ने बताया कि बंदरगाह का ट्रायल रन जुलाई 2024 में शुरू हुआ था और दिसंबर 2024 में इसे कमीशनिंग सर्टिफिकेट मिला। तब से अब तक यहां 285 जहाज आ चुके हैं और 5.93 लाख TEU (Twenty-Foot Equivalent Unit) कंटेनर का संचालन हो चुका है, जो उम्मीद से कहीं अधिक है। यहां तक कि एमएससी जैसे जहाज जो दुबई और कोलंबो नहीं जाते थे, वे विझिंजम पहुंच चुके हैं।
उन्होंने कहा कि बंदरगाह की सालाना क्षमता 30 लाख TEU है, लेकिन वर्तमान प्रदर्शन के आधार पर यह 45 लाख TEU तक संभव है। निर्माण कार्य तय समय से पहले पूरा हो जाएगा और राजस्व कमाने की प्रक्रिया जल्दी शुरू होगी। राजनीतिक टकराव की अटकलों पर उन्होंने कहा कि “केंद्र और राज्य के बीच कोई संघर्ष नहीं है। दोनों की तरफ से विज्ञापन अलग-अलग होंगे। यह कोई भाजपा या वाम मोर्चा की परियोजना नहीं है, बल्कि दोनों की साझी कोशिश है।”