उत्तराखंड स्थित चारों धामों के कपाट बंद होने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके बावजूद धाम के कपाट बंद होने से पहले श्रद्धालुओं में दर्शन करने की भारी भीड़ लगी हुई है। शुक्रवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। पीएम मोदी के आगमन को लेकर केदारनाथ बद्रीनाथ धाम मंदिर को 20 कुंतल फूलों से सजाया गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत तमाम पुलिस प्रशासन के अधिकारी कई दिनों से व्यवस्थाओं का जायजा भी ले रहे हैं। वहीं गुरुवार दोपहर बाद बर्फबारी होने के बाद केदारनाथ धाम में अद्भुत और आलोकिक नजारा दिखाई दे रहा है। मंदिर के चारों ओर पहाड़ बर्फ से ढंक गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर कई कुंतल फूलों से सजाया गया केदारनाथ धाम मंदिर बर्फबारी होने के बाद और अद्भुत छटा बिखेर रहा है। धाम के आसपास का नजारा जैसे “स्वर्ग घाटी” जैसा लग रहा है। भारी बर्फबारी के बावजूद केदारनाथ धाम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे हजारों तीर्थयात्री प्रकृति के खूबसूरत और अद्भुत नजारे का आनंद ले रहे हैं। धाम में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी देखने के लिए उत्साह छाया हुआ है। ऐसे ही बाबा बद्रीनाथ में भी प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर मंदिर को फूलों से सजाया गया है। प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर तमाम मीडिया कर्मियों ने डेरा डाल रखा है। इसके साथ दोनों धामों में हजारों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। बता दें कि बाबा केदारनाथ धाम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुराना नाता रहा है। राजनीति में आने से पहले नरेंद्र मोदी ने यहीं पर तपस्या भी की थी।
पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को उत्तराखंड आ रहे हैं। सबसे पहले सुबह 8:30 बजे राजधानी देहरादून के जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर उतरने के बाद केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम पहुंचेंगे। इस दौरान वे यहां पूजा-अर्चना भी करेंगे। पीएम 3400 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे। इस साल केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्तूबर को और बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होने वाले हैं। पीएम मोदी की दिवाली से पहले इस यात्रा को देखते हुए केदारनाथ धाम में पहले ही दिवाली जैसा माहौल बन गया है। पूरे मंदिर को फूलों से सजाया गया है। केदारनाथ धाम में वायुसेना के भारी माल वाहक चिनूक हेलीकाप्टर से एटीवी गाड़ी पहुंचाई गई है। इसी वाहन पर सवार होकर पीएम मोदी केदारपुरी का दौरा करेंगे। इसके बाद पीएम मोदी दोनों धामों में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे। इसके साथ ही इस बार पीएम मोदी भारत-चीन बॉर्डर से लगे अंतिम गांव माणा भी पहुंचेंगे। जहां से वे देश को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी अब तक 5 बार केदारनाथ और एक बार बदरीनाथ धाम का दौरा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री यहां पर कई विकास योजनाओं की सौगात भी देंगे। इसके अलावा भारत के अंतिम गांव चीन की सीमा से लगा “माणा” में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। बता दें कि माणा गांव बद्रीनाथ धाम से केवल 3 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां पर केवल करीब 12 सौ लोगों की आबादी है। यह गांव चीन की सीमा से केवल 24 किलोमीटर दूर स्थित है। वहीं प्रधानमंत्री 21 अक्टूबर की रात बदरीनाथ धाम में विश्राम करेंगे।
केदारनाथ में पीएम मोदी जिस रोपवे की आधारशिला रखेंगे–
वहीं दूसरी ओर केदारनाथ में शुक्रवार 21 अक्टूबर को पीएम मोदी जिस रोपवे की आधारशिला रखेंगे, वो करीब 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा। वहीं हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। धाम में प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट बद्रीनाथ मास्टर प्लान का कार्य जोर शोर पर चल रहा है। पीएम मोदी के बदरीनाथ दौरे को लेकर बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। 22 अक्टूबर की सुबह प्रधानमंत्री दिल्ली रवाना हो जाएंगे। बता दें कि चार धाम यानी केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संकेत के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि बीते दो सालों में कोरोना वायरस महामारी के दौरान इनकी संख्या काफी कम हो गई थी। साल 2022 में अब तक 41 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। जबकि, 2019 में यह संख्या लगभग 35 लाख थी। हालांकि, सर्दियों की दस्तक के साथ ही अब चार धाम यात्रा पर इस साल विराम लगने जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इस बार 15 लाख श्रद्धालु बद्रीनाथ पहुंचे, 14 लाख से ज्यादा केदारनाथ, 6 लाख से ज्यादा गंगोत्री और 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु यमुनोत्री पहुंचे हैं।