प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरुवार रात को जापान और चीन के लिए रवाना हो गए। रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि ये यात्राएं भारत के राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को और मजबूत करेंगी तथा क्षेत्रीय और वैश्विक शांति, सुरक्षा और सतत विकास में योगदान देंगी। यह प्रधानमंत्री मोदी की जापान की आठवीं यात्रा होगी। कल यानी शुक्रवार को वह जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। पिछली बार मई 2023 में मोदी जापान गए थे। दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात जून 2025 में कनाडा में हुए जी7 शिखर सम्मेलन और 2024 में लाओस में 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। इस यात्रा में दोनों देश विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के अगले चरण को आकार देने पर काम करेंगे। इसमें आर्थिक और निवेश संबंधों का विस्तार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और सेमीकंडक्टर्स जैसी उभरती तकनीकों पर सहयोग और सांस्कृतिक व सभ्यतागत रिश्तों को मजबूत करने पर जोर रहेगा।
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के बीच वार्ता और कार्यकारी रात्रिभोज होगा। दोनों नेता मियागी प्रीफेक्चर का दौरा भी करेंगे। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि इस यात्रा में रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, तथा लोगों के बीच संपर्क जैसे अहम क्षेत्रों में साझेदारी की समीक्षा की जाएगी। भारत और जापान 2014 से “स्पेशल स्ट्रैटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप” साझा कर रहे हैं, जो सभ्यतागत रिश्तों और क्षेत्रीय व वैश्विक दृष्टिकोण की समानता पर आधारित है। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान भारत और जापान के उद्योगपतियों की बैठक भी होगी। इसमें क्वाड सहयोग और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा व स्थिरता जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
जापान यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह उनका सात साल बाद चीन दौरा होगा और 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद पहली यात्रा होगी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत एससीओ का सक्रिय और रचनात्मक सदस्य है और अध्यक्षता के दौरान नवाचार, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में नई पहल की गई है। उन्होंने कहा कि वह चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं से मुलाकात की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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