प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने सभी विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान देने वाले नहीं हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की सबसे मजबूत आधारशिला हैं। पीएम ने गुरु-शिष्य परंपरा को भारत की ताकत बताया और कहा कि शिक्षक न सिर्फ बच्चों को साक्षर बनाते हैं बल्कि उनमें देशभक्ति और स्वावलंबन की भावना भी जगाते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का यह योगदान देश के भविष्य को दिशा देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार नवरात्रि से देश को आर्थिक सुधारों का बड़ा लाभ मिलेगा। 22 सितंबर, सोमवार से यानी नवरात्रि के पहले दिन से नई जीएसटी दरें लागू होंगी। अब केवल दो जीएसटी स्लैब होंगे 5% और 18% उन्होंने इसे ‘जीएसटी 2.0’ करार देते हुए कहा कि इससे हर परिवार की बचत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिलेगी। मोदी ने कहा कि इस सुधार से गरीब, किसान, महिलाएं, छात्र, युवा और मध्यम वर्ग को सीधा लाभ होगा। खासकर नए काम शुरू करने वाले युवा प्रोफेशनल्स को वाहन कर में राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि अब साबुन, टूथपेस्ट, साइकिल, बच्चों की टॉफी और होटल जैसी सेवाओं पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं भी अब सस्ती हुई हैं। पहले डायग्नोस्टिक किट्स पर 16% टैक्स था, जो अब 5% है। सीमेंट पर 29% और टीवी-एसी जैसी वस्तुओं पर 31% टैक्स लगता था, जिसे अब 18% किया गया है। किसानों को भी राहत मिली है, क्योंकि ट्रैक्टर और सिंचाई उपकरणों पर टैक्स घटाकर 0% से 5% तक कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि टेक्सटाइल, लेदर और हैंडीक्राफ्ट जैसे क्षेत्रों को भी राहत दी गई है, जिससे लाखों रोजगार पैदा होंगे। युवाओं में फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए जिम, योग और सैलून जैसी सेवाओं पर भी टैक्स कम किया गया है। मोदी ने इसे भारत के आर्थिक परिवर्तन की ऐतिहासिक शुरुआत बताते हुए कहा कि इससे कर व्यवस्था सरल होगी, जीवन स्तर सुधरेगा, खपत और आर्थिक विकास को बल मिलेगा और केंद्र-राज्य साझेदारी मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकल’, लोकल प्रोडक्ट डे का आह्वान किया
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि अब आयकर में बड़ी राहत दी गई है और 12 लाख रुपये तक की आय कर-मुक्त हो गई है। उन्होंने कहा कि आज महंगाई बहुत कम है और भारत लगभग 8% की विकास दर के साथ दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत सिर्फ एक नारा नहीं बल्कि एक आंदोलन है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को स्वदेशी उत्पादों के महत्व को समझाएं और उन्हें ‘वोकल फॉर लोकल’ के लिए प्रेरित करें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत हर साल 1 लाख करोड़ रुपये का खाद्य तेल आयात करता है, इसलिए स्वदेशी विकल्प ढूंढना बेहद जरूरी है। उन्होंने स्कूलों में ‘स्वदेशी वीक’ और ‘लोकल प्रोडक्ट डे’ जैसे कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया, जहां बच्चे अपने घर से बने इनोवेटिव और स्थानीय उत्पाद लाकर उनकी कहानियां साझा करें।
पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रयान मिशन ने छात्रों में विज्ञान और नवाचार की नई प्रेरणा जगाई है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे बच्चों को वैज्ञानिक और इनोवेटर बनने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने बताया कि देश में 10,000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब बन चुकी हैं और 50,000 नई लैब्स की मंजूरी दी गई है। इन पहलों की सफलता शिक्षकों की समर्पित कोशिशों पर निर्भर है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग पर बनाए गए कानून का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य बच्चों को खतरनाक और पैसों से जुड़ी लत से बचाना है। साथ ही सरकार भारतीय पारंपरिक खेलों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर युवाओं के लिए गेमिंग उद्योग में करियर विकल्प तैयार कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अंत में कहा कि हर छात्र को यह सोचना चाहिए कि वह अपने देश की जरूरतों के लिए क्या योगदान कर सकता है। उन्होंने गांधीजी की स्वदेशी की भावना का उल्लेख करते हुए कहा कि आज के युवाओं का कर्तव्य है कि वे इसे पूरा करें। उन्होंने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे राष्ट्र निर्माण की इस जिम्मेदारी को और समर्पण के साथ निभाएं और विद्यार्थियों में आत्मनिर्भर भारत की नींव रखें।