प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में शहरी परिवहन से जुड़े बड़ी परियोजनाओं की सौगात सौगात दी। उन्होंने बेंगलुरु मेट्रो फेज-2 की येलो लाइन का उद्घाटन किया, जिसकी लंबाई 19 किलोमीटर से अधिक है और इसमें 16 स्टेशन हैं। यह परियोजना लगभग 7,160 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई है। येलो लाइन आरवी रोड (रगिगुड्डा) से बोम्मसंद्रा तक जाएगी और इसके शुरू होने से बेंगलुरु मेट्रो नेटवर्क की कुल लंबाई 96 किलोमीटर से अधिक हो गई है।
इसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु मेट्रो फेज-3 परियोजना का शिलान्यास भी किया, जिसकी लागत 15,610 करोड़ रुपये से अधिक है। यह फेज-3 (ऑरेंज लाइन) 44 किलोमीटर से अधिक लंबा होगा और इसमें 31 एलिवेटेड स्टेशन होंगे, जो शहर के आवासीय, औद्योगिक, वाणिज्यिक और शैक्षणिक क्षेत्रों को जोड़ेगा। पीएम मोदी ने कहा कि येलो लाइन और ऑरेंज लाइन मिलकर रोजाना 25 लाख यात्रियों की यात्रा को आसान बनाएंगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना में कॉरपोरेट सेक्टर का भी योगदान है, जैसे इंफोसिस फाउंडेशन, बायोकॉन और डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स ने कुछ स्टेशनों के लिए CSR फंडिंग दी है।
वहीं प्रधानमंत्री ने केएसआर रेलवे स्टेशन से तीन नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई। इनमें बेंगलुरु से बेलगावी, अमृतसर से श्री माता वैष्णो देवी कटरा, और नागपुर (अजनी) से पुणे के बीच चलने वाली ट्रेनें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये ट्रेनें व्यापार, पर्यटन और यात्रियों की सुविधा को बढ़ावा देंगी।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बेंगलुरु की संस्कृति, लोगों के स्नेह और कन्नड़ भाषा की मिठास की सराहना की। उन्होंने नादप्रभु केम्पेगौड़ा के विजन को याद करते हुए कहा कि बेंगलुरु आज नई ऊंचाइयों को छू रहा है और न्यू इंडिया का प्रतीक बन रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनकी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली बेंगलुरु यात्रा है, जिसमें भारतीय सेना ने सीमापार आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया और पाकिस्तान को कुछ ही घंटों में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने इस सफलता का श्रेय तकनीक और मेक इन इंडिया की ताकत को दिया।
पीएम मोदी ने गिनाई केंद्र सरकार की उपलब्धियां
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 में देश में केवल 5 शहरों में मेट्रो थी, जबकि आज 24 शहरों में 1,000 किमी से ज्यादा नेटवर्क है, जिससे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन गया है। 2014 से पहले लगभग 20,000 किमी रेलवे रूट का विद्युतीकरण हुआ था, जबकि पिछले 11 वर्षों में 40,000 किमी से ज्यादा रेलवे रूट का विद्युतीकरण हो चुका है। 2014 में देश में केवल 74 हवाई अड्डे थे, जो अब बढ़कर 160 से अधिक हो गए हैं। जलमार्गों की संख्या भी 3 से बढ़कर 30 हो गई है। उन्होंने स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में हुई प्रगति पर भी प्रकाश डाला। 2014 में देश में 7 एम्स और 387 मेडिकल कॉलेज थे, जो अब 22 एम्स और 704 मेडिकल कॉलेज हो गए हैं। मेडिकल सीटें एक लाख से ज्यादा बढ़ाई गई हैं। IIT की संख्या 16 से बढ़कर 23, IIIT की संख्या 9 से बढ़कर 25 और IIM की संख्या 13 से बढ़कर 21 हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों और मध्यम वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा में अब ज्यादा अवसर मिल रहे हैं।
पीएम मोदी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 करोड़ पक्के मकान दिए गए हैं और अब 3 करोड़ और बनाए जाएंगे। 11 साल में 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए गए हैं। निर्यात के आंकड़े 468 अरब डॉलर से बढ़कर 824 अरब डॉलर हो गए हैं। वहीं मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है और भारत अब चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल निर्यातक बन गया है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत (Viksit Bharat) का सफर डिजिटल इंडिया के साथ चलेगा। भारत AI मिशन, सेमीकंडक्टर मिशन और अंतरिक्ष तकनीक में आगे बढ़ रहा है। UPI के जरिए भारत दुनिया के 50% से अधिक रियल टाइम ट्रांजैक्शन करता है। 2,200 से ज्यादा सरकारी सेवाएं मोबाइल पर उपलब्ध हैं और डिजिलॉकर व UMANG ऐप से नागरिकों को बड़ी सुविधा मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगली बड़ी प्राथमिकता तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है। उन्होंने राज्य सरकारों को अनावश्यक आपराधिक प्रावधान हटाने और सुधारों को आगे बढ़ाने की अपील की। उन्होंने मिशन कर्मयोगी और आकांक्षी जिले व ब्लॉक कार्यक्रमों पर जोर दिया और विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य मिलकर कर्नाटक को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
वहीं कार्यक्रम के दौरान कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, एच.डी. कुमारस्वामी, अश्विनी वैष्णव, वी. सोमन, शोभा करंदलाजे सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।