पिछले करीब दो महीने से पूर्वोत्तर का राज्य मणिपुर पूरे देश भर में हिंसा की वजह से सुर्खियों में बना हुआ है। मणिपुर में जाति हिंसा के बाद जहां विपक्ष राज्य की भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। इसके साथ कई विपक्षी पार्टियों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की थी। वहीं 1 दिन पहले कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी भी मणिपुर का दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। सुबह से ही अटकलें लगाई जा रही थी कि राज्य के मुख्यमंत्री राज्यपाल से मिलकर इस्तीफा सौंप देंगे। सीएम एन बीरेन सिंह इस्तीफे को लेकर शुक्रवार सुबह से ही इंतजार होने लगा। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपने जा रहे थे। लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने महिलाओं और उनके समर्थन में उमड़ा अपार जनसमूह को देखते हुए अपना फैसला बदल दिया। इस दौरान उनके समर्थकों ने भी काफी हंगामा किया और वह उनके आवास पर पहुंच गए।
आइए जानते हैं शुक्रवार का मुख्यमंत्री का पूरा घटनाक्रम कैसा रहा। बीते दो महीने से चल रही हिंसा के बीच माना जा रहा था कि जल्द ही सीएम एन बीरेन सिंह इस्तीफा दे सकते हैं। सीएम की ओर से राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात का वक्त मांगा जाना इस बात की ओर इशारा कर रहा था। सीएम ने कहा कि इस वक्त राज्य मुश्किल में हैं इसलिए मैं पद नहीं छोड़ सकता हूं। इससे पहले विपक्ष की सर्वदलीय बैठक में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई थी। केंद्र सरकार की काफी कोशिशों के बाद भी हिंसा की छुटपुट घटनाएं मणिपुर में देखने को मिल रही हैं। माना जा रहा था कि करीब दो महीनों से सुलगते मणिपुर के हालात पर काबू न पाने के चलते सीएम बीरेन सिंह राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। बीरेन सिंह 20 विधायकों के साथ दोपहर करीब 3 बजे राज्यपाल से मिलने जा रहे थे, लेकिन उनके घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग जमा थे, जिन्होंने उन्हें वहीं रोक लिया। इसके बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया और भीड़ ने उनका इस्तीफा भी फाड़ दिया।बीरेन सिंह के घर के बाहर सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने कहा कि वे नहीं चाहती कि उनके मुख्यमंत्री इस्तीफा दें। उनके इस्तीफे की एक कॉपी भी तब फाड़ दी गई, जब दो मंत्री इसे लेकर सीएम हाउस के बाहर आए और उसे प्रदर्शन कर रही महिलाओं को सौंपा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक वरिष्ठ मंत्री ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह आज इस्तीफा देने वाले थे, लेकिन जनता के दबाव में उन्होंने अपना मन बदल लिया। बीरेन सिंह गवर्नर हाउस के लिए निकल रहे थे, लेकिन अपने घर के बाहर समर्थकों के प्रदर्शन को देखने के बाद वे वापस लौट गए।इंफाल में हुए ड्रामे के बीच मीडिया रिपोर्ट्स में एक फटे हुए इस्तीफे की तस्वीर भी सामने आई है। हजारों समर्थकों ने सिंह के काफिले को राजभवन जाने से रोक दिया। समर्थकों द्वारा सिंह से इस्तीफा न देने के लिए कहने के वीडियो भी सामने आए हैं।हजारों समर्थकों द्वारा नाटकीय ढंग से राजभवन जाने से रोकने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वह इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। सिंह ने उन अटकलों के बीच स्पष्टीकरण दिया कि वह आज अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस मुश्कित वक्त में वह इस्तीफा देने नहीं जा रहे हैं। सिंह ने एक ट्वीट में कहा, “इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।” इससे पहले आज, हजारों समर्थक सिंह के आवास के बाहर एकत्र हुए और उन्हें राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलने के लिए राजभवन जाने से रोक दिया। बीते दिनों हाल ही में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने राज्य की चिंताजनकर स्थिति को लेकर देश के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। हालांकि इससे ठीक दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर राज्य की स्थितियों के बारे में बताया था। मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच भड़की हिंसा के बीच तीन हजार लोगों के घायल होने के साथ ही करीब 120 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। विपक्ष ने हिंसा के लिए सिंह को जिम्मेदार ठहराया है और उनके इस्तीफे की मांग की है।
दो दिवसीय मणिपुर दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने राहत शिविर में पीड़ितों से मुलाकात की–
हिंसा ग्रस्त राज्य मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने आज पीड़ितों से मिलने के बाद राज्य के लोगों को संदेश दिया है। राहुल गांधी ने कहा, हिंसा से किसी भी तरह का कोई हल नहीं निकलेगा सिर्फ शांति ही समाधान है। राहुल गांधी ने वहां पर मीडिया से बात करते हुए कहा, मणिपुर को शांति की जरूरत है। मैं राहत शिविरों में गया और हर समुदाय के लोगों से मिला। राहत शिविरों में दवाई, खाने की कमी है जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। मेरी मणिपुर के हर व्यक्ति से अपील है कि शांति बनाए रखें। मैं यहां मौजूद हूं और जो शांति कि लिए कर सकता हूं वह करूंगा।
मणिपुर में अपने दौरे के दूसरे शुक्रवार को राहुल गांधी ने बिष्णुपुर जिले के मोइरांग शहर में दो राहत शिविरों का दौरा किया। इस दौरे में उन्होंने हिंसा से विस्थापित हुए पीड़ितों से मुलाकात की। राहुल गांधी सुबह करीब साढ़े 9 बजे हेलीकॉप्टर से मोइरांग पहुंचे और उन्होंने यहां प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनकी व्यथा भी सुनी। राहुल गांधी के साथ मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, पार्टी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल, पीसीसी अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सिंह और पूर्व सांसद अजय कुमार थे।