करीब एक महीने पहले 25 नवंबर को दुनिया के महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना का निधन हो गया था। माराडोना के निधन से अभी फुटबॉल जगत में शोक की लहर खत्म भी नहीं हुई थी कि शुक्रवार 30 दिसंबर को एक और महान फुटबॉलर ब्राजील के पेले ने 82 साल की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया। पेले की निधन की जैसे ही जानकारी जैसे ही मिली दुनिया के खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। पेले को अपने शानदार खेल के वजह से हमेशा याद रखा जाएगा। पेले की बेटी केली नैसिमेंटो ने इंस्टाग्राम पर निधन की जानकारी देते हुए लिखा, ‘हम जो कुछ भी हैं, वह आपकी बदौलत हैं। हम आपको बहुत प्यार करते हैं। रेस्ट इन पीस। बता दें कि पेले को 2021 में ट्यूमर का पता चला था और तब से वह कीमोथेरेपी ले रहे थे। पेले को दुनिया के सबसे महानतम फुटबॉलर गिना जाता था। इसी 20 दिसंबर को फीफा वर्ल्ड कप के दौरान ही ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले ने अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी को विश्व कप जीतने की बधाई दी थी। साथ ही उन्होंने फ्रांस के किलियन एम्बापे को भी फाइनल में हैट्रिक बनाने के लिए बधाई दी थी। आपको बता दें कि पेले का असली नाम एडसन अरांतेस डो नैसिमेंटो था, लेकिन दुनिया ने उन्हें पेले के नाम से जाना। उनका जन्म 23 अक्टूबर, 1940 को ब्राजील के ट्रेस कोराकोएस में हुआ था। फीफा द्वारा उन्हें ‘द ग्रेटेस्ट’ का शीर्षक भी मिला। पेले ने अपने जीवन में तीन शादियां कीं और उनके कुल सात बच्चे हैं। पेले पेट के कैंसर से जूझ रहे थे। उन्हें 29 नवंबर को साओ पाउलो के अल्बर्ट आइंस्टीन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कीमोथेरेपी के जरिए उनका ट्रीटमेंट किया गया। लेकिन, उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा था। इसके बाद कीमोथेरेपी बंद कर उन्हें दर्द कम करने की दवाइयां दी जाने लगीं। उन्हें किडनी और कार्डियक डिसफंक्शन भी था। पेले को गैसोलिना, द ब्लैक पर्ल और ओ री (द किंग) जैसे कई निक नेम से जाना जाता था। पेले का पूरा नाम एडसन अरांतेस डो नैसिमेंटो था। उन्हें दुनिया ने अब तक के सबसे महान फुटबॉलर के रूप में जाना जाता था। पेले तीन बार विश्व कप जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 1958, 1962 और 1970 में खेल की सबसे प्रतिष्ठित ट्रॉफी फीफा वर्ल्ड कप जीता था। दुनिया के बेस्ट फुटबॉल खिलाड़ियों में गिने जाने वाले पेले ने अपने करियर के 1366 मैचों में कुल 1281 गोल किए। उनका गोल औसत 0.94 प्रति मैच था, जिसे फुटबॉल जगत में बेहतरीन माना जाता है। वे दुनिया के एकमात्र फुटबाल खिलाड़ी थे, जिन्होंने 3 बार वर्ल्ड कप जीता। फीफा ने पेले को ‘महानतम’ का लेबल, 1999 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा ‘एथलीट ऑफ द सेंचुरी’ का नाम दिया गया और टाइम मैगजीन की 20वीं सदी के 100 सबसे महत्वपूर्ण लोगों की सूची में शामिल पेले को 2000 में विश्व खिलाड़ी का वोट दिया गया था। वह इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फुटबॉल हिस्ट्री एंड स्टैटिस्टिक्स द्वारा सेंचुरी और फीफा प्लेयर ऑफ द सेंचुरी अवार्ड के दो संयुक्त विजेताओं में से एक थे। उनके निधन से फुटबॉल जगत शोक में डूब गया है।