(Central Government monkeypox guideline release) : मार्च साल 2020 से कोरोना वायरस की भारत में ऐसी शुरुआत हुई कि अभी तक देशवासी उबर नहीं पाए हैं। कभी-कभी लगता है कि कोरोना महामारी शांत हो गई है लेकिन फिर अचानक इस खतरनाक वायरस स्पीड तेज हो जाती है। अबकी बार सबसे बड़ी समस्या यह है कि कोरोना भी तेजी से फैल रहा है उसी के साथ एक और महामारी मंकीपॉक्स भी देश में अब तेजी के साथ पैर पसार रही है। अभी तक भारत में मंकीपॉक्स के 4 मरीज मिलने की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि अभी स्थित नियंत्रण कही जा सकती है। लेकिन हालात जो बता रहे हैं वह खतरनाक संकेत दे रहे हैं। मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र सरकार भी अब अलर्ट मोड पर आ चुका है। पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन भी जारी की है। इसके अलावा सरकार ने मंकीपॉक्स की जांच के लिए टेस्टिंग किट और वैक्सीन बनाने के लिए टेंडर निकाला है। गाइडलाइन में कहा गया है कि मंकीपॉक्स संक्रमित रोगी को 21 दिन तक होम क्वारैंटाइन रहना होगा, चेहरे पर मास्क पहनने के साथ-साथ हाथों को धोते रहें। मास्क तीन लेयर वाला पहनना चाहिए। घावों को पूरी तरह से ढंककर रखें। पूरी तरह से ठीक होने तक अस्पताल में रहना होगा। अस्पताल के वार्ड में भर्ती संक्रमित रोगी या फिर संदिग्ध रोगी की किसी भी दूषित चीजों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को तब तक ड्यूटी से बाहर नहीं करना है, जब तक उनमें कोई लक्षण विकसित न हो। हालांकि, ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारियों की 21 दिन तक निगरानी बहुत जरूरी है। मंकीपॉक्स मरीज के संपर्क में आने, उससे शारीरिक संपर्क बनाने या फिर उसके आसपास दूषित चीजों जैसे कपड़े, बिस्तर आदि के संपर्क में आने पर संक्रमण फैल सकता है। इससे बचना बहुत जरूरी है। बता दे कि भारत में मंकीपॉक्स के चार केस सामने आ चुके हैं जिससे 3 केरल एक दिल्ली में मिला है। इसके साथ चार संदिग्ध केस भी मिले हैं, हालांकि अभी इनमें मंकीपॉक्स के लक्षण की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रशासन को आदेश दिए हैं कि अस्पतालों में मंकीपॉक्स के अलग वार्ड बनाए जाए। भारत के साथ विश्व के करीब 78 देशों में मंकीपॉक्स के मरीज मिले हैं। पिछले दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को “ग्लोबल महामारी” घोषित कर दिया है।
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