उत्तराखंड में स्थित चार धामों में से एक भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट दो दिन के बाद बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे पहले इसी महीने 6 नवंबर को गंगोत्री धाम, बाबा केदारनाथ फिर 7 नवंबर को यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकालीन के लिए बंद कर दिए गए थे। अब 16 नवंबर से बदरीनाथ धाम में होने वाली पंच पूजाओं के क्रम में सबसे पहले गणेश पूजा के साथ गणेश मंदिर के कपाट बंद होंगे। 17 नवंबर को आदिकेदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। 18 नवंबर को खडग पुस्तक और वेद ऋचाओं का वाचन बंद होगा। 19 नवंबर को भगवान नारायण के साथ गर्भगृह में विराजमान होने के लिए मां लक्ष्मी का आह्वान किया जाएगा, जबकि पांचवें दिन 20 नवंबर को मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे।बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के दूसरे दिन 21 नवंबर को सुबह भगवान नारायण के बालसखा उद्धवजी, देवताओं के खजांची कुबेरजी व आदि शंकराचार्य की गद्दी डोली रात्रि प्रवास के लिए पांडुकेश्वर स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पहुंचेंगी। इसी के साथ कुबेरजी अपने मंदिर और उद्धवजी योग-ध्यान बदरी मंदिर में विराजमान हो जाएंगे, जबकि आदि शंकराचार्य की गद्दी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की अगुआई में 22 नवंबर को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी। बता दें कि अब बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने में 4 दिन बचे हैं ऐसे में हर रोज दूरदराज के श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं।