यहां देखें प्रेस कॉन्फ्रेंस 👇
केंद्र सरकार के बुधवार को संसद में बजट पेश करने के दूसरे दिन यानी आज समूचा विपक्ष अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी को लेकर आक्रामक हो गया है। आज सुबह दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने अडानी को लेकर शोर मचाना शुरू कर दिया। सदन में हंगामा इतना बढ़ गया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। ऐसे ही राज्यसभा में भी हंगामा देख सभापति जगदीप धनखड़ ने भी कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी। अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को लेकर कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, सपा, डीएमके, जनता दल और लेफ्ट समेत 13 विपक्षी पार्टियों ने मीटिंग की। यह बैठक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चेंबर में हुई। इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने मिलकर सदन के बाहर ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सदन स्थगित होने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी पार्टियों के नेताओं ने मिलकर एक फैसला लिया है कि आर्थिक दृष्टि से देश में जो घटनाएं हो रही हैं उसे सदन में उठाना है इसलिए हमने एक नोटिस दिया था। हम इस नोटिस पर चर्चा चाहते थे लेकिन जब भी हम नोटिस देते हैं तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा कि हमने तय किया कि सदन में इस पर चर्चा करेंगे कि जिनका पैसा एलआईसी में है या अन्य संस्थानों में है वो कैसे बर्बाद हो रहा है। लोगों का पैसा चंद कंपनियों को दिया जा रहा है जिसकी रिपोर्ट आने से कंपनी के शेयर्स गिर गए हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में विपक्ष के नेताओं ने अडानी ग्रुप से जुड़े मामले में जॉइंट पार्लियामेंट कमेटी जेपीसी जांच या फिर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया द्वारा नियुक्त किए गए पैनल के जरिए जांच करवाने की मांग की। कांग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश ने कहा कि दोनों सदनों को स्थगित कर दिया गया क्योंकि सरकार LIC, SBI और अन्य सार्वजनिक संस्थानों द्वारा किए गए जबरन निवेश की जांच के लिए संयुक्त विपक्ष की मांग से सहमत नहीं थी। सपा के प्रमुख महासचिव और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि पूरे देश में जिनके पैसे बैंकों में जमा हैं या फिर एलआईसी में लगे हैं, वे इस समय दहशत में हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश के लोगों का जो पैसा जा रहा है, हम उसके लिए लड़ने को खड़े हुए हैं। बता दें कि बुधवार देर रात अडाणी ग्रुप ने 20 हजार करोड़ रुपए के फुली सबस्क्राइब्ड एफपीओ को रद कर दिया था। अडानी ने कहा था कि इन्वेस्टर्स का पैसा वापस किया जाएगा।