पिछले कुछ दिनों से विपक्ष ने साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम दलों के साथ भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देना शुरू कर दिया है। पिछले महीने 18 जून को बिहार की राजधानी पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में 21 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत तमाम दलों के नेताओं ने भाजपा एनडीए को सीधे चुनौती दी थी। विपक्ष की हुंकार के बाद अब भाजपा की बारी थी। भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह एक बार फिर साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कमर कस चुके हैं। कुछ दिनों पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को इसी महीने 18 जुलाई को राजधानी दिल्ली में एनडीए की होने वाली बैठक में पत्र लिखकर आमंत्रित किया है। इसी के साथ शनिवार 15 जुलाई को यूपी से समाजवादी पार्टी के विधायक दारा सिंह चौहान इस्तीफा दे दिया है। दारा सिंह चौहान की भी भाजपा में शामिल होने की अटकलें हैं। इसी के साथ रविवार यानी आज भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में विपक्ष को बड़ा झटका दिया है। यूपी में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर एनडीए में शामिल हो गए हैं। ओपी राजभर ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत भारतीय जनता पार्टी के अन्य बड़े नेताओं के साथ मुलाकात की। हालांकि उत्तर प्रदेश में भाजपा और ओमप्रकाश राजभर दोनों को एक दूसरे की जरूरत थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में अनुशासनहीनता में ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अब एक बार फिर ओमप्रकाश राजभर भाजपा के साथ आ गए हैं।
वे अखिलेश की पार्टी सपा के सहयोगी रह चुके हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर लिखा- ओपी राजभर से दिल्ली में मुलाकात हुई और उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का निर्णय लिया। मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूं। उनके आने से उत्तर प्रदेश में NDA को मजबूती मिलेगी।वे अपने बेटे अरुण राजभर को सुभासपा के टिकट पर गाजीपुर सीट से उप चुनाव लड़वाना चाहते हैं। यहां बीजेपी उन्हें समर्थन दे सकती है। वहीं, ओपी राजभर के भी यूपी सरकार में मंत्री बनने की चर्चा है। सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने एनडीए गठबंधन में शामिल होने पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, हमने 14 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और विभिन्न मसलों पर चर्चा की। 2024 का चुनाव एक साथ लड़ने का फैसला किया। हमें साथ लेने के लिए पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देना चाहते हैं।
ओमप्रकाश राजभर यूपी के जहूराबाद से विधायक हैं। पिछले काफी समय से सियासी गलियारों में चर्चा थी कि ओपी राजभर फिर से भाजपा के साथ जाएंगे। ऐसे में भाजपा के साथ गठबंधन होने की अटकलों को विराम देते हुए सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने शनिवार को दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मौके पर राजभर के बड़े पुत्र डॉ. अरविंद राजभर के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे।
इससे पहले 2022 के विधानसभा चुनाव 2022 में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी का यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन हुआ था। राजभर ने अखिलेश साथ मिलकर चुनावी कैंपेन संभाला था। उन्होंने जीत के लिए तमाम रणनीतियां बनाईं और योगी सरकार को घेरने की कोशिश की थी। हालांकि चुनावी परिणाम दोनों के लिए निराशा लेकर आए थे। बाद में बयानबाजी से माहौल गरमाया और ओपी राजभर- अखिलेश के बीच सियासी दूरियां बढ़ती चली गईं। बता दें कि ओपी राजभर यानी ओमप्रकाश राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष हैं। वे उत्तर प्रदेश के जहूराबाद निर्वाचन क्षेत्र से 17वीं विधानसभा के सदस्य हैं। वे 2017 से जहूराबाद से विधायक हैं। 19 मार्च 2017 को वह पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और विकलांग जन विकास विभाग के मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बने, लेकिन 20 मई 2019 को राजभर को गठबंधन विरोधी गतिविधियों के कारण मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बाद 2022 में उन्होंने सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था।