कोरोना से चीन में स्थित बिगड़ने के बाद भारत कोई भी खतरा मोल लेना नहीं चाहता है। दो दिनों से देश में केंद्र सरकार पूरी तरह से एक्शन में है। बुधवार, 21 दिसंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने हाईलेवल की बैठक की थी। इस बैठक में तमाम कोरोना इफेक्ट और हेल्थ से जुड़े आला अधिकारी शामिल हुए थे। इसके बाद ही संकेत मिल गया था कि अब भारत में भी नई पाबंदियां लगाने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। आज संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मास्क पहने हुए थे। इसके साथ संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री और सांसद भी चेहरे पर मास्क लगाते हुए दिखाई दिए।

वहीं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना के खतरे को देखते हुए मोर्चा संभाल लिया है। बता दें कि आज दोपहर करीब 3:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना संबंधित हालातों का जायजा लेने के लिए आज हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। इस बैठक में देश में कोरोना की स्थिति एवं उससे जुड़े अन्य पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। संभावना व्यक्त की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग के बाद एक-दो दिन बाद देश में एक बार फिर चेहरे पर मास्क लगाना अनिवार्य किया जा सकता है। केंद्र सरकार के अलर्ट के बाद तमाम राज्य सरकारों ने भी अपने यहां आनन-फानन में व्यवस्थाओं का जायजा लेना शुरू कर दिया है।

केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा कि वे अपने यहां रिपोर्ट होने वाले सभी मामलों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में भेजें। कई राज्यों में आज कोरोना हालातों को लेकर रिव्यू मीटिंग की जा रही है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ में भी इमरजेंसी मीटिंग होगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मीटिंग कर रहे हैं। दूसरी ओर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उनकी सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। वह कोरोना से निपटने के लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइंस का पालन करेंगे। वहीं हिमाचल सरकार भी इसे बाद अब अलर्ट हो गई है। सरकार ने आज इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक बैठक हुई है। प्रधान सचिव स्वास्थ्य सुभाशीष पांडा अधिकारियों की बैठक लेंगे और हिमाचल में कोविड के लिए तैयारियों की समीक्षा करेंगे।कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा है कि आज राज्य में कोरोना मामलों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई गई है। इस मीटिंग का नेतृत्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई करेंगे। मंत्री ने कहा कि सीएम के निर्देशों के आधार पर ही आगे की गाइडलाइंस निर्धारित की जाएंगी।

हिमाचल में टेस्टिंग बढ़ाने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए जा सकते हैं। स्वास्थ्य निदेशक सहित जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से संक्रमितों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग प्रयोगशालाओं में भेजने के निर्देश दिए जा सकते हैं। बता दें कि भारत में कोरोना ने पहली और दूसरी लहर में जमकर तबाही मचाई, सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और अस्पतालों की व्यवस्था भी चरमरा गई। हालांकि इसके बाद हालात सुधरते गए और लगातार मामलों में कमी देखी गई. मामले कम होने के साथ ही कोरोना पाबंदियों में भी ढील शुरू हो गई। आखिरकार 1 अप्रैल 2022 से तमाम पाबंदियां हटा दी गईं। अब एक बार फिर कोरोना का खतरा बढ़ रहा तो ऐसे में सरकार लोगों को सलाह दे रही है कि वो कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर को अपनाएं।
देशभर के एयरपोर्ट पर इस वायरस के लिए विदेशी यात्रियों की रैंडम सैंपलिंग शुरू हो गई है। हालांकि, केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि इस वायरस से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बता दें कि गुजरात में अक्टूबर-नवंबर में ओमिक्रोन के बीएफ.7 और बीएफ.12 वेरिएंट से संक्रमित तीन मरीज सामने आए थे। जबकि ओडिशा से एक मामला सामने आया था। मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज किया गया और अब वे पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 185 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 4,46,76,515 पर पहुंच गई है। वहीं, देश में सक्रिय मरीजों की संख्या 3402 रह गई है।