आज बुधवार 19 फरवरी साल 2025 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में अंधाधुंध जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया है। मंगलवार, 18 फरवरी से उत्तराखंड में संसद का बजट सत्र चल रहा है। आज बुधवार को राजधानी देहरादून में बजट सत्र के बीच मुख्यमंत्री धामी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई। कैबिनेट की बैठक में धामी सरकार ने सख्त भू कानून विधेयक को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सख्त भू-कानून विधेयक पर मुहर लगा दी है। प्रदेश में लंबे समय से भू-कानून को लेकर मांग उठ रही थी। विधान सभा सत्र के दौरान भी विभिन्न संगठनों ने भू- कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद राज्य कैबिनेट की बैठक में सख्त भू-कानून को मंजूरी दी है। कल गुरुवार इसका विधेयक विधानसभा में पेश होगा।
राज्य में इस भू-कानून के पारित होते ही भूमि खरीद से जुड़े नए नियम लागू हो जाएंगे
राज्य में इस भू-कानून के पारित होते ही भूमि खरीद से जुड़े नए नियम लागू हो जाएंगे। भू-कानून को मंजूरी मिलने के बाद वर्ष 2018 के सभी प्रावधान निरस्त हो जायेंगे। इसके साथ ही बाहरी व्यक्तियों की भूमि खरीद पर भी प्रतिबंध लग जायेगा। उत्तराखंड के 11 जिलों में अन्य राज्यों के लोग हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद पायेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुद इसकी जानकारी शेयर की है। सीएम धामी ने कहा कि लिखा कि प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा। साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हमारी सरकार जनता के हितों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और हम कभी भी उनके विश्वास को टूटने नहीं देंगे। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो जाता है कि हम अपने राज्य और संस्कृति की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। निश्चित तौर पर यह कानून प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगा।
उत्तराखंड के 11 अन्य जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद पाएंगे
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार द्वारा 2018 में लागू किए गए सभी प्रावधानों को नए कानून में समाप्त कर दिया गया है। बाहरी व्यक्तियों की भूमि खरीद पर प्रतिबंध लगा। हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर, उत्तराखंड के 11 अन्य जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद पाएंगे।
पहाड़ी इलाकों में भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी। अब जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे पाएंगे। सभी मामलों में सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया होगी। प्रदेश में जमीन खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां राज्य के बाहर के किसी भी व्यक्ति द्वारा की गई जमीन खरीद को दर्ज किया जाएगा। राज्य के बाहर के लोगों को जमीन खरीदने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा, जिससे फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं को रोका जा सके। सभी जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट सौंपनी होगी। नगर निकाय सीमा के अंतर्गत आने वाली भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा। यदि किसी व्यक्ति ने नियमों के खिलाफ जमीन का उपयोग किया, तो वह जमीन सरकार में निहित हो जाएगी। इस कानून से उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक लगेगी। पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे राज्य के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा। भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा और राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी। सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी।