मित्रों, आइए आज हम अपने देश की खबरों से निकलकर पड़ोसी का हाल जानते हैं। भारत के पड़ोसी देशों में पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार के साथ श्रीलंका आते हैं। पाकिस्तान और चीन भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर तो आए दिन खबरों में बने रहते हैं। लेकिन आज हम एक ऐसे देश की चर्चा करेंगे, जिससे हमारा सदियों पुराना नाता है। यही नहीं रामायण में और शास्त्रों में इस देश का उल्लेख भी मिलता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कभी सोने की नगरी कहा जाने वाला श्रीलंका की। मौजूदा समय में यह देश त्रस्त होकर सड़क पर आर्थिक संकट के लिए संघर्ष कर रहा है। आइए अब बात को आगे बढ़ाते हैं । हमारा पड़ोसी मौजूदा वक्त में आर्थिक संकट, भुखमरी, महंगाई, दिवालिया, गृह युद्ध जैसे बनते हालात और पलायन से जूझ रहा है। सोने की लंका कहा जाने वाला यह देश आज खाद्यान्न संकट के लिए मोहताज है। लंका सरकार कई देशों की ओर आर्थिक मदद के लिए हाथ फैला रही है। ईंधन, दाल, चावल और दूध लेने के लिए हजारों लोग घंटों लाइन में लगे हुए हैं। करीब 3 साल पहले शुरू हुआ श्रीलंका में वित्तीय संकट अब विकराल रूप ले चुका है। खाद्यान्न वस्तुओं पर कीमतें इतनी ज्यादा हो गई हैं कि सुनकर चौंक जाएंगे। आइए अब जान लेते हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे श्रीलंका में 400 ग्राम दूध 790 रुपए का मिल रहा है। एक किलो चावल भी अब 500 रुपए का हो चुका है। तेल खरीदने के चक्कर में अभी तक श्रीलंका में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि श्रीलंका की सरकार ने पेट्रोल पंपों ओर गैस स्टेशनों पर सेना को तैनात किया गया है।श्रीलंका के लोग अब भुखमरी और महंगाई से बचने के लिए भारत की ओर पलायन कर रहे हैं। कई परिवार चोरी, छुपे तमिलनाडु के रास्ते नाव वालों को हजारों रुपए देकर भारत में दाखिल हो रहे हैं। आर्थिक संकट का असर छात्रों पर भी पड़ रहा है। पिछले दिनों कागजात की भारी कमी के कारण श्रीलंका में सभी परीक्षाएं अनिश्चितकाल के लिए रद कर दी गई । इस छोटे से देश में जबरदस्त अफरा-तफरी का माहौल है। अब आपको बताते हैं श्रीलंका में यह आर्थिक संकट कब से शुरू हुआ।
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